नई दिल्ली : देश के प्रतिष्ठित आतंकवाद निरोधक बल ‘राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड’ (एनएसजी) द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कुछ हिस्सों में आतंकवादियों और उग्रवादियों को ‘जनता का समर्थन’ मिल रहा है और जब तक इसे नहीं रोका जाता, भारत आतंकवादी गतिविधियों से जूझता रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ घटनाओं में जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने चीन निर्मित ग्रेनेडों का भी इस्तेमाल किया है।
देश में पिछले कुछ दिनों में हुए बम विस्फोटों पर विश्लेषण करने वाली रिपोर्ट को इस साल अप्रैल से जून के बीच के सभी राज्यों के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें कारखानों में निर्मित विस्फोटकों के लीकेज और आतंकवादी संगठनों द्वारा आयुध के इस्तेमाल की आशंका पर भी चिंता जताई गयी है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की दूसरी तिमाही के लिए आईईडी मिलने या विस्फोट होने की घटनाओं का विश्लेषण इस बात का खुलासा करता है कि जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के आतंकवादियों और उग्रवादियों ने अधिकतर घटनाओं में आयुध कारखानों में निर्मित ग्रेनेड और अन्य तरह के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कुछ घटनाओं में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने चीन निर्मित ग्रेनेडों का भी इस्तेमाल किया।’
उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, ‘एनबीडीसी द्वारा आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि आतंकवादियों-उग्रवादियों के निशाने पर मुख्य रूप से जनता है। देश के कुछ हिस्सों में आतंकवादियों-उग्रवादियों को जनता का समर्थन बरकरार है।’ रिपोर्ट कहती है, ‘जब तक राष्ट्र-विरोधी तत्वों को जनता का समर्थन नहीं रूकेगा, तब तक आतंकवाद की गतिविधियां जारी रहेंगी। आईईडी की समस्या को समाप्त करने के लिए गंभीर प्रयास जरूरी हैं।
देश के नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए ‘पूरे राष्ट्र’ की भावना के साथ प्रयास करने से आगे का रास्ता निकलेगा।’ रिपोर्ट में इस बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है कि उग्रवादियों को जनता का समर्थन कैसे मिलता है लेकिन यह समझा जाता है कि पुलिस बल और इन घटनाओं के बारे में राष्ट्रीय बम डाटा केंद्र (एनबीडीसी) को रिपोर्ट करने वाली अन्य एजेंसियां स्थानीय लोगों और इस तरह के विस्फोटों को अंजाम देने वालों के बीच सामने आईं कड़ियों के संबंध में भी जानकारी साझा करती हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के एनबीडीसी का केंद्र मानेसर में है और यह देशभर में बम विस्फोटों की सभी तरह की घटनाओं और हमलों के आंकड़ों के संग्रह तथा विश्लेषण के लिए राष्ट्रीय संग्राहक के रूप में काम करता है।