सारदा घोटाले का आरोपी मदन मित्रा जमानत पर रिहा

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कोलकाता: सारदा घोटाला मामले में जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मदन मित्रा आज सुबह रिहा हो गए। आज सुबह लगभग छह बजकर 45 मिनट पर अलीपुर जेल से रिहा किए गए मित्रा को शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक होटल में ले जाया गया। यह होटल भवानीपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आता है।

21 महीने जेल में रहने के बाद मित्रा को अदालत ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वे इसी थाने के अतंर्गत आने वाले इलाके में ही रह सकते हैं। मित्रा को उनके कालीघाट पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले आवास पर नहीं ले जाया जा सकता है।

रिहा होने के बाद मित्रा ने कहा, ‘अपने परिवार के पास आकर मैं बहुत खुश हूं। मैं अदालत की शर्तों का पालन करूंगा। अब मैं आराम करूंगा, परिवार के साथ समय गुजारंगा और दुर्गा पूजा का आनंद उठाउंगा।’उन्होंने कहा, ‘‘इस बार मैं अपनी बेगुनाही साबित करूंगा।’

उनके वकील निलाद्री भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अदालत में अपील दायर की जाएगी ताकि वे अपने आवास पर जा सकें।कल अलीपुरा सत्र अदालत ने पूर्व परिवहन मंत्री मित्रा को 15 लाख र. की दो प्रतिभूति भरने पर जमानत दी थी।

उन्हें 23 नवंबर से पहले अदालत के समक्ष पेश होने, सीबीआई को अपना पासपोर्ट देने और सीबीआई के जांच अधिकारी के समक्ष हफ्ते में एक बार पेश होने का निर्देश दिया गया है। उनके भवानीपुरी पुलिस थाना क्षेत्र से बाहर जाने पर रोक लगाई गई है।

12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किए गए मित्रा को पिछले साल निचली अदालत ने जमानत दी थी जिसे पिछले साल 20 नंवबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच जून 2014 में शुरू की थी।

 

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