‘सामना’ के कार्टूनिस्ट श्रीनिवास प्रभुदेसाई ने मांगी माफी

shivsena

मुंबई: यहां जारी मराठा रैलियों की ओर इशारा करने वाला एक कार्टून छापने को लेकर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक कार्यालय पर हुए पथराव के एक दिन बाद आज कार्टूनिस्ट ने अपने कार्टून को लेकर माफी मांगी। इस कार्टून को लेकर महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों से काफी तीखी प्रतिक्रियाएं आई थी।

कार्टूनिस्ट श्रीनिवास प्रभुदेसाई ने ‘सामना’ के मुख्य पृष्ठ पर छपे बयान में कहा, ‘ मेरे कार्टून से मराठा समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है, लेकिन मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। फिर भी मैं अनजाने में पहुंची ठेस के लिए खेद प्रकट करता हूं। ’ उन्होंने कहा, ‘ कार्टून को लेकर विवाद अनावश्यक था। मैं एक कलाकार हूं और कोई राजनीतिक कार्टूनिस्ट नहीं। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मेरा इरादा केवल लोगों के चेहरों पर मुसकुराहट लाना था और इसलिए ही मैंने कार्टून बनाया। ’ हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया गया और अनावश्यक ही शिवसेना और सामना को इसमें घसीटा गया।

कार्टून उस समय प्रकाशिक किया गया जब मराठा समुदाय के लोग कोपर्डी में अपने समुदाय की एक लड़की के बलात्कार के बाद की गई उसकी हत्या के मामले पर विरोध जताने और नौकरी एवं शिक्षा में कोटा दिए जाने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य में रैलियों का आयोजन कर रहें है। राज्य में रैलियों का असर बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है और राजनीतिक दलों पर भी समुदाय की परेशानियों पर गौर करने का दबाव बना है।

कार्टूनिस्ट के बयान से असंतुष्ट कांग्रेस ने कहा कि महज कार्टूनिस्ट की ‘माफी’ पर्याप्त नहीं है समाचार पत्र के संपादक संजय राउत (शिवसेना सांसद) पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता नितेश राणा ने कहा, ‘ संपादक ने मराठा समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। कार्टून उनकी स्वीकृति के बिना प्रकाशित नहीं किया जा सकता। इसका मतलब है कि उन्होंने इसे जानबूझकर मराठा समुदाय का मजाक उड़ाने के लिए प्रकाशित किया । ’ उन्होंने कहा, ‘ भादंवि की विभिन्न धाराएं हैं जो ऐसे मामलों से निपटती हैं। मुख्यमंत्री को पुलिस को छूट देनी चाहिए कि वे संजय राउत पर मामला दर्ज करें और मराठाओं को शांत करें।

 सामना के नवी मुंबई स्थित कार्यालय पर कल पथराव कथित तौर पर मराठा समुदाय द्वारा निकाले गए ‘‘मौन जुलूस’’ के प्रसंग में अखबार में प्रकाशित कार्टून के मद्देनजर किया गया। हमले के तत्काल बाद ही मराठा समर्थक सामाजिक संगठन ‘संभाजी ब्रिगेड’ ने हमले की जिम्मेदारी ले ली थी। शिवसेना ने इसे मराठा समुदाय के भीतर दरार पैदा करने के लिए कुछ लोगों द्वारा ‘जानबूझकर की गई शरारत’ करार दिया। दूसरी तरफ उसके सहयोगी दल भाजपा ने कार्टून को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि अखबार को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने मराठा समुदाय की ‘भावनाएं आहत करने’ के लिए शिवसेना के मुखपत्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

 

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