मंगलवार को विधानसभा में श्रमिक संघों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की एक बैठक में वन, आयुष और श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के शोषण को बर्दाश्त नहीं करेगी और श्रमिकों के पंजीकरण के लिए राज्य के हर जिले में शिविरों का आयोजन किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के विकास में मजदूरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है और विभाग के अधिकारियों को श्रमिकों की समस्याओं को समझना चाहिए। डॉ. हरक सिंह रावत ने निर्देश दिया कि विभाग सभी मजदूरों के पंजीकरण के लिए सभी जिलों में शिविरों का आयोजन करे ताकि वे सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि सेवा के नियमों में आवश्यक संशोधन किया जाना चाहिए ताकि विभाग के रिक्त पदों में भरा जा सके।
रावत ने कहा कि जिले में जहां श्रम निरीक्षक के पद खाली पड़े हैं, विभाग को कुछ ज्युनिअर को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए ताकि काम प्रभावित नहीं हो। रावत ने विभाग के अधिकारियों को श्रमिकों के पंजीकरण की सरलीकृत व्यवस्था के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) की राज्य इकाई के अध्यक्ष, पूरन सिंह बिष्ट ने कहा कि हमें देश के औद्योगिकीकरण, उद्योग के निर्माण और कामगारों के राष्ट्रीयकरण के दिशा में काम करना चाहिए। मंत्री को एक ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि श्रमिक विभाग को श्रम कल्याण पर विभिन्न सरकारी समितियों में नियुक्ति के लिए बीएमएस द्वारा सुझाए गए नामों पर विचार करना चाहिए। बीएमएस ने भी ‘भवन निर्माण कल्याण बोर्ड’ में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की एक उच्च स्तरीय जांच की मांग की। मंत्री हराक सिंह रावत ने तुरंत ही श्रम सचिव को आरोप की जांच करने और भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाने वाले लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बीएमएस ने सेंचुरी पेपर मिल स्टाफ एसोसिएशन, लालकुआं के विपंजीकरण की जांच की भी मांग की। हराक सिंह रावत ने मांग स्वीकार कर ली, संघ ने बीएमएस के राज्य कार्यालय की स्थापना के लिए भूमि, फर्नीचर और कंप्यूटर की भी मांग की। रावत ने बीएमएस के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि बीएमएस के कार्यालय के लिए राज्य वन निगम की एक भूखंड निर्धारित की जाएगी।
बैठक में श्रमिक सचिव मनीषा पंवार, श्रम आयुक्त डॉ आनंद श्रीवास्तव और भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष पूरन सिंह बिष्ट तथा महासचिव अनिल राठी उपस्थित थे।