बजरंगबली हनुमान कलयुग में भी मौजूद हैं, यह हम नही कह रहे बल्कि लगातार बड़े- बड़े ज्योतिष और वैज्ञानिक भी हमेशा से इसका दावा करते आ रहे हैं. और यह दावे यू ही नही किये जाते बल्कि समय-समय पर ऐसे कितने ही तथ्य प्राप्त होते हैं जो इस बात का दावा करते हैं कि कोई माने या ना माने लेकिन हनुमान आज भी हमारे बीच ही हैं.
- प्राचीन धर्म ग्रंथोंकी मानें तो हनुमान त्रेता युग की रामायण से ले कर द्वापर युग के महाभारत तक मौजूद थे और अपने वरदान के कारण कलयुग में भी मौजूद हैं.
- आन्ध्र प्रदेश, श्रीलंका, मलेशिया और थाईलैंड में पाए गए विशालकाय पैरों के निशानों के बारे में लोगों का मानना है कि ये निशान हनुमान जी के हैं। और इन पैरों के निशानों की जगह पर भक्तों द्वारा पूजा की जाती है।
- अगर व्यक्ति यह विश्वास करे कि उसकी आत्मा और हनुमान में एक गहरा संबंध है. दूसरा, वह व्यक्ति इस मन्त्र का उच्चारण ऐसी जगह पर करे जहां 980 मीटर तक किसी मनुष्य का निवास न हो, तो हनुमान के दर्शन कर सकता है.
- रामायण के चालीसवें अध्याय में लिखा गया है कि जब श्रीराम लंका विजय कर लौटे थे, तब श्री राम ने हनुमान जी से प्रसन्न हो कर उनसे कहा था कि “संसार में मेरी कथा जब तक प्रचलित रहेगी, तब तक तुम्हारी कीर्ति अमिट रहेगी, और तुम्हारे शरीर में प्राण भी रहेंगे
- श्रीमद भगवत गीता’ में भी लिखा गया है कि कलियुग में हनुमान जी, हिमालय के कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित ‘गंधमादन पर्वत’ पर निवास करते हैं।
- कहते हैं कि जहां कहीं भी भगवान राम का नाम लिया जाता है, हनुमान जी की उपस्थित वहां पर जरूर होती है। एक सच्चा राम भक्त जब पूरी श्रद्धा उन्हें याद करता है, तो उसे भगवान हनुमान दर्शन जरूर देते हैं और हमेशा उसके आसपास रहते हैं। इस कहानी में भी उतनी ही सत्यता है, जितनी अन्य साक्ष्यों में।