शीतकाल के लिए आज तृतीय केदार के कपाट हुए बंद!

कुलदीप राणा, रूद्रप्रयाग : पंच केदारों में से एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट आज विधि विधान और मंत्रोच्चार के साथ ब्रम्हमूर्त में आम श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। भगवान तुगनाथ की चल-विग्रह उत्सव डोली सैकड़ो श्रद्धालुओं के साथ अपने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए रवाना हो गई है। जबकि दूसरे पड़ाव के लिए बंणकुण्ड में दो दिन रात्रि प्रवास करेगी। वहीं चैथे पड़ाव पर अपनी गद्दी स्थल मार्कण्डेय मक्कूमठ में विराजमान होंगे। यहीं पर भगवान तुगनाथ श्रद्धालुओं को अगले छः माह दर्शन देंगे।
पंच केदारों में भगवान तुंगनाथ का मंदिर समुद्र तल से 17 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित है जहाँ पर श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग के बाद तीन किमी0 खड़ी चढ़ाई पैदल चलकर भगवान आसुतोष के बाहुभुजाओं के दशर्न हो पाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिन व्यक्तियों को कारणवश कुष्ट रोग उत्पन होता है वह भगवान तुंगनाथ व चन्द्रशिला के दर्शन करने मात्र से ही रोग से मुक्त पाते है।
भगवान आसुतोष के बाहु भुजा की पूजा तुंगनाथ के रूप में इस स्थान पर की जाती है। मक्कूमठ के मैठाणी पुरोहितों के द्वारा यहां की पूजा पद्धति को सम्पन्न किया जाता है। छः माह भगवान तुंगनाथ के दर्शन मार्कण्डय मंदिर मक्कूमठ में ही श्रद्धालुओं को करने होते है।
जहाँ एक ओर ग्यारवें ज्योतिर्लिग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के छः माह के लिए बंद हो गए हैं। वहीं पंच केदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ भी शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here