7 दिसम्बर से त्रिवेन्द्र सरकार का पहला गैरसैंण में शुरू होने जा रहा है, शीतकालीन सत्र के गर्माहट भरा होने की उम्मीद है। शीतकालीन सत्र के लिए सरकार गैरसैंण पहुंचने लगी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही कैबिनेट के अधिकांश सदस्य बुधवार से गैरसैंण में रहेंगे। एक ओर तो विपक्ष भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था के तीरों से सत्ता पक्ष पर हमले करेगा, वहीं सत्ता पक्ष ने भी इससे निपटने की रणनीति तैयार कर ली है।
गैरसैंण सत्र के पहले दिन सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसके साथ ही सत्र में दस से अधिक विधेयकों के प्रस्तुत होने की उम्मीद है। हालांकि विधायकों को लेकर बुधवार को गैरसैंण में होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम निर्णय होगा। गैरसैंण सत्र में लोकायुक्त और स्थानांतरण विधेयकों पर भी चर्चा होगी। सत्र के लिए विधायकों ने 1200 के करीब सवाल दिए हैं। जबकि बड़ी संख्या में याचिकाएं और दो संकल्प भी लाए गए हैं।
विपक्ष निकायों के सीमा विस्तार के मुद्दे पर खासा मुखर है। सदन के भीतर और बाहर उसकी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सात दिसंबर को जिला मुख्यालयों पर धरने-प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसी दिन सत्र के अंदर विपक्ष इस मुद्दे को गरमाने की तैयारी में है। इसके अलावा विपक्ष की रणनीति एनएच-74 के मुद्दे को एक बार फिर गरमाने की है। विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर सकता है। किडनी कांड, जमीनों की खरीद फरोख्त, कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी वह सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। बेरोजगारी के मुद्दे पर भी विपक्ष सरकार से सवाल पूछेगा। चारधाम ऑलवेदर रोड व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के मुद्दा सदन में गरमा सकता है।