रूद्रप्रयाग, कुलदीप राणा : उत्तराखण्ड में ग्रीष्मकाल में चारों धामों की यात्रा के साथ अब शीतकालीन पर्यटक और तीर्थाटन की संभावनाएं तलाशी जा रही है। इसी परिपेक्ष में भारतीय नौ सेना द्वारा ऋषिकेश से औली तक चार जिलों को छूते हुए 600 किमी0 की साईकिल रैली निकाली गई है। इस रैली का उद्देश्य शीतकालीन पर्यटन और तीर्थाटन की संभावनाओं को तलाशना है।
उत्तराखण्ड राज्य में विश्व प्रसिद्ध चारों धामों के साथ प्रकृति की अनुपम और औलोकिक छटाएं मौजूद है। यहां ताल, झरने, बुग्याल और अनेकों मठ मंदिर और प्राकृतिक सौन्दर्य हर किसी का मन मोह लेता है। जबकि शीतकाल में ऊँची पहाड़ियों और बुग्यालों में बर्फ से ढकी ऊची नीची पहाड़ियों में जहां मन को हर्षित कर देती हैं वहीं अनेकों साहसिक खेलों का बेहतर केन्द्र बन सकता है। जिसमें स्किंग, राॅकक्लाविंग, रैपलिंग, स्नो मैंकिंग जैसे अनेक खेलों का आयोजन किया जा सकता है।
जनपद रुदप्रयाग में विश्वप्रसिद्ध ग्यारवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के साथ तुंगनाथ, मद्महेश्वर, ओंकारेश्वर, काशीविश्वनाथ, रुद्रनाथ, कोटेश्वर, उमरानारायण, कार्तिक स्वामी, मैठाणा, नारीदेवी आदि कई देवालयों के साथ ही देवरिया ताल, बधाणी ताल, वासुकीताल सहित कई रमणीय स्थान हैं। इन स्थानों को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद बढ़ावा देने की आवश्यकता है।