बड़ी खबर : कश्मीर के पुलबामा में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तराखंड के बीर सपूत सूरज सिंह तोपाल का पार्थिव शरीर सैन्य संम्मान के साथ शहीद के पैतृक गॉव फलोटा लाया गया, अपने लाल के पार्थिव शारीर को देख परिजनो का रो-रो कर बुराहाल रहा। आज सैन्य सम्मान के साथ कर्णप्रयाग अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर शहीद सूरज सिंह तोपाल का अंतिम संस्कार किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद सूरज के घर पंहुच कर उनको श्रधांजलि दी हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है की सरकार शहीद के परिजनों को हरसंभव मदद देगी।
25 साल के सूरज का जन्म 3 सितंबर 1992 को चमोली जिले के कर्णप्रयाग में हुआ था। बेटे की शहादत पर पिता का कहना है कि हमें गर्व है अपने बेटे पर, जिसने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। आपको बता दें, पिता के फौज में रहते ही परिवार ने यह मन बना लिया था कि सूरज सिंह तोपाल को भी देश की सेवा के लिए सेना में ही भेजना है। पिता की इच्छा तब पूरी हुई जब वह 2011 में सेना में भर्ती हो गया। लेकिन परिवार को क्या पता था कि उनका बेटा इतने कम समय के लिए ही देश की सेवा कर पाएगा।
सूरज सिंह की दो बहनें हैं और सूरत उनका इकलौता भाई था। दो बहनों के भाई की वजह से परिवार जल्द से जल्द उसकी शादी करवाने की योजना बना रहा था। वहीं शहीद हुआ जवान घर में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में लोगों की आंखों का तारा हुआ करता था। शहादत की खबर सुनकर उनके घर में परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हां इतना जरूर है कि पिता नारायण सिंह तोपाल ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ। यह शब्द एक पिता के लिए कहना कठिन हैं। वहीं एक पिता के लिए यह पल बेहद मुश्किल भरा होता है कि उसके बेटे की अर्थी उसके कंधे पर जाए। लिहाजा इस गम से गुजर रहे सूरज सिंह के पिता नारायण तोपाल कहते हैं कि अब सरकार को पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जो आए दिन शांत पढ़े भारत में घुसकर आतंक फैलाने की हिम्मत जुटा रहे हैं।