शर्मनाक: प्रथा के नाम पर घर की बड़ी लड़की को धकेला जाता है देह व्यापार में !

इस दुनिया में धर्म और परंपरा के नाम पर न जाने कितने ही ऐसे काम किये जाते हैं जिससे किसी को शारीरिक तो किसी को मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ती है. ऐसी ही एक परंपरा हमारे समाज में आज भी खूब फल फुल रही है जहां बड़ी बेटी को देह व्यापार में धकेला दिया जाता है. एक बांछड़ा नमक समुदाय है जिसकी आबादी मंदसौर, नीमच और रतलाम जिले के 75 गांवों में 23 हजार के आसपास है। लेकिन बड़ी बात यह है कि इनमें 2 हजार से अधिक महिलाएं और युवतियां देह व्यापार में फंसी हुई  है।

 परंपरा के नाम पर किया जाता है देहव्यापार: मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में रहने वाले बांछड़ा समुदाय में यह परंपरा  है कि परिवार की बड़ी लड़की देह व्यापार में जाएगी और ऐसा कहा जाता है कि इस लड़की की कमाई से घर लालन-पालन   किया जाएगा.  जब यह परंपरा लोगो के सामने आई तो इसने हर किसी को अचंभित कर दिया । सभी ने इस प्रथा को जल्द से जल्द बंद करने को कहा। वैसे यहाँ यह भी बताना ज़रूरी है कि फरवरी 1983 में मध्य प्रदेश विधानसभा ने एकमत से इस प्रथा को खत्म करने के लिए कार्य करने पर सहमत भी हुई थी। बांछड़ा समुदाय में ऐसा काम करने वाली औरतों को खिलावाड़ी कहते है और यह महिलाएं अपना जिस्म बेचकर पैसा कमाती हैं, लेकिन इनके समाज में इसे बुरा नहीं माना जाता। बल्कि यहां ऐसी औरतों को सम्मान भी खूब मिलता है और ये लोग संयुक्त परिवार में रहते हैं। समाज में महिलाओं का रुतबा पुरुषों के मुकाबले ऊंचा होता है।

बांछड़ा समुदाय को इस कलंक से निकालने के लिए प्रशासन ने कई बार प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो पाए। 2012 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. जीके पाठक ने 141 बालिकाओं को मुक्त कराया था। लेकिन आज फिर स्तिथि ज्यो कि त्यों बनी हुई है.

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