एशिया का सबसे बड़े बांधो में शुमार टिहरी बांध एक तरफ देश के लिए वरदान के रूप में साबित हो रहा है वंही बांध से सटे ग्रामीणों के लिए यह बांध अभी भी अभिश्राप बना हुआ है बांध की झील में करीब 125 गांव झील में समां चुके है जिनका विस्थापन हो चूका था लेकिन झील में समा चुके कई गावो का अभी तक विस्थापन नहीं किया गया इसी वजह से अभी भी विस्थापन की मांग को लेकर ग्रामीण झील में जल समाधि लेने को मजबूर है
टिहरी जिले में उप्पु गाव के 110 परिवार गाव के बिस्थापन की माग को लेकर कई दिनो से टिहरी झील के किनारे अपनी मागो को जल समाधि पर बैठे है। ग्रामीणो कहना है की कि उप्पु गाव के जल-जगल, जमीन सब कुछ टिहरी झील में डूब गया लेकिन 15 सालो से उप्पु गाव का बिस्थापन नही हुआ जिस कारण ग्रामीणो को मजबूर होकर यह कदम उठाना पडा। हर बार शासन प्रशासन ने ग्रामीणो को झूठे आश्वासन देकर लोगो को मनाया लेकिन इस बार ग्रामीणो ने आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है। ग्रामीणो ने कहा कि इस बार शासन प्रशासन चाहे ग्रामीणो को जेल ही क्यो ना भेज दे हम जेल में ही भूख हडताल कर देगे।