
गणेश उत्सव के इन 10 दिनों में आप गणेश जी की मूर्ति और तस्वीरों की मदद से वास्तुदोष दूर कर सकते हैं। गणेश जी के विभिन्न स्वरूप समस्त दिशाओं में हमारी रक्षा करते हैं। अगर आप वास्तु देवता को प्रसन्न करना चाहते है तो गणेश जी की पूजा अत्यंत शुभ फल देती है। वास्तुदेवता की संतुष्टि गणेशजी की आराधना के बिना अकल्पनीय है। गणेशजी की आराधना से वास्तुदोष की संभावना बहुत कम हो जाती है।
इस तरह दूर कर सकते हैं इन दोषों का प्रभाव
- घर में सफेद मदार की जड़ से बने गणेश जी की मूर्ति रखने से नौकरी और बिजनेस में उन्नति होती है। इनके प्रभाव से धन लाभ तो होता ही है साथ ही घर में हर तरह का दोष खत्म हो जाता है।
- घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर दोनों गणेशजी की पीठ मिली रहे। इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोषों का शमन होता है।
- घर में बैठे हुए गणेशजी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणपतिजी का चित्र लगाना चाहिए, ध्यान रखें कि खड़े गणेशजी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों। इससे कार्य में स्थिरता आती है।
- घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में वक्रतुण्ड की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में ना हो।
- सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति, चित्र लगाना चाहिए। सर्व मंगल की कामना करने वालों के लिए सिन्दूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहती है।





