वास्तविक टैक्स की तुलना में कम टैक्स जमा कर रही कांट्रेक्टर फर्म का किया सत्यापन।

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देहरादून – विशेष अनुसंधान शाखा ने सरकारी विभागों से ठेकेदारों को किए गए भुगतानों की सूचनाओं का सत्यापन किया। जिसमें पाया गया कि देहरादून की एक कांट्रेक्टर फर्म वास्तविक टैक्स की तुलना में कम टैक्स जमा कर रही है। राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने देहरादून में सिविल कार्य करने वाली कांट्रेक्टर फर्म में साढ़े पांच करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी है।

फर्म को सरकारी विभागों से हुए भुगतान की पड़ताल करने पर विभाग ने टैक्स चोरी का खुलासा किया है। दस्तावेज की जांच में फर्म ने लगभग साढ़े पांच करोड़ के टैक्स चोरी की है। विभागीय कार्रवाई में फर्म ने 1.62 करोड़ का टैक्स जमा कर दिया है। शेष राशि की वसूली के लिए विभाग की जांच जारी है।
विशेष अनुसंधान शाखा के उपायुक्त यशपाल सिंह ने बताया कि टैक्स चोरी रोकने के लिए विभाग की ओर से नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। विशेष अनुसंधान शाखा ने सरकारी विभागों से ठेकेदारों को किए गए भुगतानों की सूचनाओं का सत्यापन किया। जिसमें पाया गया कि देहरादून की एक कांट्रेक्टर फर्म वास्तविक टैक्स की तुलना में कम टैक्स जमा कर रही है। उन्होंने बताया कि जीएसटी की शुरुआत में ठेकेदारों के टीडीएस काटने की व्यवस्था नहीं थी। यह व्यवस्था अक्तूबर 2018 से लागू हुई है। इसका फायदा उठाते हुए ठेकेदारों ने 15 महीने तक सरकारी विभागों से होने वाले भुगतान को प्रदर्शित न कर टैक्स जमा नहीं किया। इन पर विभाग की नजर है।

फर्म ने पांच वर्षों में सरकारी विभागों से जो भुगतान प्राप्त किया है, इसके सापेक्ष जीएसटी जमा नहीं किया गया। विशेष अनुसंधान शाखा के संयुक्त आयुक्त ने सर्च वारंट जारी कर फर्म के खिलाफ कार्रवाई की। जांच में फर्म ने कम टैक्स जमा करने की बात स्वीकार कर 1.62 करोड़ का टैक्स जमा किया है। शेष राशि की वसूली के लिए विभागीय कार्रवाई जारी है।

 

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