सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मुद्दें पर एक बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि राम मंदिर का मुद्दा कोर्ट के बाहर बातचीत से हल किया जाना चाहिए, और वही बेहतर रहेगा. कोर्ट ने कहा कि ‘संवेदनशील मसलों का आपसी सहमति से हल निकालना बेहतर है.’

चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि दोनों पक्षों को मिल-बैठकर इस मुद्दे को कोर्ट के बाहर हल करना चाहिए. कोर्ट के मुताबिक दोनों पक्ष इसके लिए वार्ताकार तय कर सकते हैं, जो विचार-विमर्श करें.

चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि इस मामले में ज़रूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट के जज भी मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्ष आपसी बातचीत से कोई हल नहीं निकाल पाते, तो फिर कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर फैसला देने के लिए तैयार रहेगा, लेकिन फिलहाल दोनों पक्षों के सभी लोग टेबल पर बैठकर बातचीत करेंगे, तो ज्यादा अच्छा होगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 31 मार्च को फिर से मेंशन करने को कहा है.

वहीं,बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या भूमि विवाद पर जल्द सुनवाई की मांग की है. इस मुद्दे पर बीजेपी ने इस टिप्पणी का स्वागत किया है. जबकि कांग्रेस ने कहा है कि मामला आदालत में है और उसे ही इस पर कोई फैसला करना है.

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