नई दिल्ली : राजद्रोह के मामले में जमानत पर चल रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को शनिवार को एक कार्यक्रम में श्रोताओं ने बोलने नहीं दिया, जिससे उन्हें अपना भाषण कम करना पड़ा।
कन्हैया ने देशभर में राष्ट्रवाद पर बहस छेड़ी थी। उन्हें इस साल फरवरी में एक कार्यक्रम में कथित रूप से राष्ट्रविरोधी नारे लगा जाने के बाद राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को उन्हें इंडिया टुडे माइंड रॉक्स सम्मेलन में हिस्सा लेना था और आजादी पर संबोधन देना था। लेकिन श्रोताओं ने उन्हें पसंद नहीं किया और जब वह मंच पर पहुंचे तो लोग उन्हें हूट करने लगे।
कन्हैया ने मजाक में कहा, ‘जो लोग यहां हूटिंग कर रहे हैं वे भी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। देश में आजादी है। आप पर राजद्रोह का मामला नहीं लगेगा।’ जेल का अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘जेल में रहने में क्या बुराई है? महात्मा गांधी और भगत सिंह भी जेल जा चुके हैं।’ जब कन्हैया से पूछा गया कि क्या जेल जाना वह ‘शान’ समझते हैं तो छात्र नेता ने कहा, ‘यह दुनिया हममें से बहुतों के लिए जेल है। जब लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाने दिया जाता तो वे जेल में हैं, जब लोग बेरोजगार हों और फुटपाथों पर रहते हों तो वे जेल में हैं। ऐसे में बड़े जेल (दुनिया) की तुलना में छोटे जेल में रहना बेहतर है।’