देहरादून। सरकार लापरवाही पर सख्त हो रही है। अब जो आयुष चिकित्सक लापरवाही करेंगे, उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने प्रदेश के 11 जनपदों के चिकित्सकों के बहिरंग चिकित्सा के काम को संतोषजनक नहीं पाया है। इसके लिए चि्त्सिसकों को सेवा समाप्त का नोटिस भी दिया जा सकता है। साथ ही साथ चेतावनी भी मिल सकती है जिससे आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक चिकित्सक जो आयुष में काम कर रहे हैं उनमे खलबली है।
निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन चिकित्सकों की सेवाएं उचित नहीं है उनकी संविदा समाप्त की जाए। उत्तराखंड में आयुष के तहत लगभग 70 चिकित्सक तैनात है जो अंतरंग और बहिरंग दोनों सेवा दे रहे हैं, लेकिन लपरवाही के कारण सेवाओं मे तेजी नहीं आई है। आंकड़े बताते हैं कि ऊधमसिंह नगर जनपद में 13 आयुष चिकित्सकों की तैनाती के बाद बहिरंग चिकित्सा ठीक नहीं है। जिसके कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. अंजलि नौटियाल ने उत्तराखंड के दो जनपदों बागेश्वर और रुद्रप्रयाग को छोड़कर राज्य के सभी 11 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को चेतावनी पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने इन जिलों में चिकित्सा कार्य को उचित नहीं पाया जिसके कारण यह पत्र लिखा गया है।