देहरदून। गैरसैंण में आंदोलनकारियों पर हुए तथाकथित लाठीचार्ज की आंच से राजधानी भी झुलसने लगी है। इस तथाकथित लाठीचार्ज के विरोध में उत्तराखंड महिला मंच ने घंटाघर पर विरोध प्रदर्शन किया और जाम लगाया। जाम खुलवाने के लिए प्रशासन को अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ी। पुलिस ने इस संदर्भ में 37 महिलाओं के खिलाफ वाद दर्ज कर लिया है। उल्लेख करना आवश्यक होगा कि गुरुवार को स्थायी राजधानी की मांग को लेकर गैरसैंण में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पुलिस ने कथित रूप से लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई महिलाएं घायल हो गई थी। इसी मामले को महिला मंच ने उठाया और दून कचहरी परिसर से घंटाघर पहुंची, जहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाये।
नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए घंटाघर पर जाम लगा दिया। किसी तरह से पुलिस ने महिलाओं को समझा-बुझाकर शांत कराया। इस दौरान महिलाओं ने कहा कि राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से वार्ता करने की बजाय उन पर लाठीचार्ज करवाया। यहां तक कि महिलाओं के साथ भी मारपीट कर बदसलूकी की गई। पुलिस की बर्बरता के चलते कई आंदोलनकारी घायल हो गए। महिला मंच की नेताओं में निर्मला बिष्ट, पदमा गुप्ता, ऊषा भट्ट, कमलेश्वरी बडोला, शकुंतला गुसाईं, कमलेश देवी, आशा जोशी, शांति सेमवाल, पार्वती रावत आदि शामिल थी। महिला मंच इस कथित प्रकरण की तीव्र निंदा की।