नई दिल्ली: हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित पीएचडी स्टूडेंट रोहित वेमुला की मौत मामले की जांच के लिए सरकार की ओर से गठित न्यायमूर्ति एके रूपनवाल आयोग ने कहा है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के फैसलों से नाराज छात्रों को अपील के लिए एक मंच मिलना चाहिए.
यह पता चला है कि हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि सिर्फ छात्रों नहीं, शोधार्थियों के लिए भी उचित काउंसलिंग की एक व्यवस्था होनी चाहिए.
सूत्रों ने कहा कि अपनी सिफारिशों में आयोग ने उचित शिकायत निवारण व्यवस्था, समान अवसर प्रकोष्ठ होना चाहिए ताकि वेमुला की खुदकुशी जैसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सके. माना जाता है कि इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि वेमुला को दलित नहीं कहा जा सकता.