चमोली – थराली के नगरकोटियाणा, मींग और भिड़तोली में रिवर ड्रेजिंग के नाम पर आवंटित पट्टो से निकले उपखनिज का खूब व्यावसायिक उपयोग हो रहा है और निकला हुआ उपखनिज नजदीकी स्टोन क्रेशर में जा रहा है जहां से महंगे दामो पर आमजन को बेचा जा रहा है।
दरसल चमोली जिला प्रशासन ने आपदा के दृष्टिगत नारायणबगड़ क्षेत्र में तीन स्थानों पर रिवर ड्रेजिंग के पट्टे आवंटित किए थे। ड्रेजिंग की प्रकिया में नदी में जमा आरबीएम या सिल्ट को नदी के किनारे लगाया जा सकता है और इसके व्यावसायिक उपयोग के लिए पर्यावरणीय अनुमति आवश्यक है। इस नीति और इस नीति में किये गए बदलाव को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है कि इस नीति की आड़ में धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है।
वहीं नारायणबगड़ क्षेत्र में चल रहे तीनों पट्टो से निकले उपखनिज का नजदीकी स्टोन क्रशर में व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जा रहा है।
वहीं पूछे जाने पर उपजिलाधिकारी थराली ने बताया कि रिवर ड्रेजिंग से निकले उपखनिज का व्यावसायिक उपयोग हो सकता है और अनुज्ञापि द्वारा स्टोन क्रशर को यह उपखनिज बेचा जा सकता है, लेकिन 2021 की रिवर ड्रेजिंग पॉलिसी और इस नीति को उच्च न्यायालय में मिली चुनौती के बाद नीति और अधिकारियों के बयान संशय की स्थिति पैदा कर रहे हैं। यही नहीं नदी से निकले उपखनिज को जगह जगह भंडारित भी किया गया है, हालांकि इस सवाल का जवाब देते हुए भी उपजिलाधिकारी ने कहा कि वे जल्द ही खान अधिकारी के साथ इन भण्डारणो का निरीक्षण करेंगे और निर्धारित मात्रा से अधिक आरबीएम उठान पाए जाने पर अनुज्ञापि के विरुद्ध नियमसंगत कार्यवाही भी करेंगे।