नई दिल्ली: रियो ओलिंपिक एरेना में देश की निगाहें जिम्नास्टिक्स के वॉल्ट फाइनल मुकाबलों पर लगी रहीं, लेकिन भारत की दीपा कर्मकार फाइनल में मामूली अंतर से मेडल जीतने से चूक गईं. उनका औसत स्कोर 15.066 रहा. जिम्नास्टिक की हर विधा में महारत रखने वाली दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता अमेरिका की सिमोन बाइल्स (औसत स्कोर- 15.966) ने स्वर्ण पदक जीता. दूसरे नंबर पर मारिया पसेका (औसत स्कोर- 15.253) रहीं उनको रजत पदक मिला और तीसरे नंबर पर स्विट्जरलैंड की ग्विलिया स्टैंग्रूबर (औसत स्कोर- 15.216) रहीं, उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया.वह महज कुछ अंकों के साथ कांस्य पदक से चूक गईं. लेकिन दीपा ने जिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंच कर इतिहास रच दिया. ये कारनामा करने वाली वो पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं.
वहीं दीपा ने देशवासियों को पदक ना ला पाने के चलते सॉरी बोला है। दीपा ने ट्वीट कर 1.3 अरब भारतीयों को सॉरी बोला है। उन्होंने आगे लिखा मैं इसे संभव नहीं कर सकी। लेकिन इसके लिए मैंने अपनी ओर से कठिन प्रयास किया। यदि संभव हो तो माफ कर देना।
मुझे अपनी बेटी पर गर्व हैं : दुलाल कर्मकार
वहीं दीपा के पिता दुलाल कर्मकार को अपनी बेटी पर बहुत गर्व है, उन्होंने कहा कि दीपा 2020 तोक्यो ओलंपिक में बेहतर और इससे मजबूत प्रदर्शन करेगी। दुलाल ने कहा कि मैं उसकी उपलब्धियों पर काफी गर्व महसूस कर रहा हूं। मैं बिलकुल भी दुखी नहीं हूं। यह उसका पहला ओलंपिक था। अगली बार जब जापान में ओलंपिक होगा तो वह इससे बेहतर प्रदर्शन करेगी और देश के लिये पदक लायेगी।