रामनगर के पिरुमदारा क्षेत्र में पूर्व सैनिकों ने 8वी गढ़वाल राइफल के शहीद सैनिकों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि।

नैनीताल/रामनगर – आज ही के दिन 8वी गढ़वाल राइफल ने पाक सीमा के अंदर घुसकर बुटर डोगरांडी पोस्ट पर किया था कब्जा, 1965 के युद्ध में अदम्य साहस दिखाया था।

8वी गढ़वाल राइफल बटालियन को पाकिस्तान की सीमा में बहुत अंदर घुसकर युद्ध करने व लंबे समय तक रुकने का श्रेय प्राप्त है। 1965 के युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों ने युद्ध में शहीद हुए शहीदों को आज याद किया। बता दें कि आज ही के दिन 16 सितंबर 1965 में भारत व पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में आठवीं गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने बुटर डोगरांडी पोस्ट पर दुश्मन सेना को धूल चटाई थी। यह पोस्ट पाकिस्तानी कब्जे वाले क्षेत्र में थी। इस युद्ध में गढ़वाल राइफल्स की आठवीं बटालियन के दो अफसर और 40 जवान शहीद हो गये थे, शहीद होने वालों में यूनिट के कमान अधिकारी कर्नल जेई झिराड़ व उप कमान मेजर एआर खान भी शामिल थे।

आज रामनगर के पिरुमदारा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों ने बटालियन के शहीद सैनिकों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। बता दें इस युद्ध में तीन अफसर व 89 जवान घायल हुए थे। यह युद्ध भारत के सैन्य इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। जिसमें बटालियन ने बड़ी संख्या में कैजुअल्टी के बाद युद्ध जीता था। आज पीरुमदारा क्षेत्र में रह रहे पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों द्वारा इन सभी शहीद हुए सैनिकों को याद किया गया।

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