

देहरादून। राज्य स्थापना दिवस से एक दिन पहले 8 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत डोबरा चांटी पुल का उदघाटन करेंगे। टिहरी-उत्तरकाशी जिलों के 3 लाख से ज़्यादा की आबादी के लिए करीब डेढ़ दशक के लम्बे इंतजार के बाद वो घड़ी आ गयी है, जब डोबरा चांटी पुल जनता को समर्पित हो जाएग। 440 मीटर लम्बा ये पुल एशिया के सबसे लम्बे मोटरेबल पुल के रूप में दर्ज हो जाएगा । करीब 2006 से इस पुल का निर्माण कार्य चल रहा था। टिहरी जिले में टिहरी बांध बनने के बाद लगभग यहाँ 40 किलोमीटर की एक बड़ी झील बनी उससे इस इलाके को जोड़ने वाले तमाम पुल और रास्ते झील के पानी में डूब गए हैं। तकनीकी दृष्टि से भी देश के इस सबसे लम्बे पुल पर विगत 14 सालों में अनेक बार संकट आए पर इन संकटों के बावजूद ये सफल पुल जल्द लोगों के लिए तैयार होने जा रहा है।

एक बड़ी आबादी को जोड़ने वाले टिहरी झील पर बन रहे इस सस्पेंश पुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गर्डर चांटी साइड है। पुल की चौड़ाई लगभग 7 मीटर है। जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है। वही फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है।
इस विशाल मोटरेबल सिंगल पुल को बनाने में भारत, कोरिया, चीन के इंजीनियरों व उत्तराखण्ड के पीडब्लूडी कर्मचारियों ने योगदान दिया है। यह पुल टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने वाला पुल है। अब टिहरी झील के ऊपर डोबरा चांठी पुल से जिला मुख्यालय तक आने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। वही रेगापट्टी प्रतापनगर निवासियों का कीमती समय भी बच सकेगा।



