नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद मेघालय के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाले वी. षणमुगनाथन के बारे में पीड़िता ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पीड़िता ने बताया कि राज्यपाल वी. षणमुगनाथन ने उसे खुद फोन कर इंटरव्यू के लिए बुलाया और निजी सहायक के रूप में नौकरी दी. बाद में उसे राजभवन में पीआरओ (जनसंपर्क अधिकारी) नियुक्त कर दिया गया.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीड़िता ने बताया कि वी. षणमुगनाथन ने इंटरव्यू के बहाने उसे कई बार खुद से फोन कॉल किया. बाद में सचिव सहित तीन अन्य अधिकारियों ने उसका इंटरव्यू लिया.
राज्यपाल के खिलाफ राजभवन के 98 कर्मचारियों ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. कर्मचारियों ने चिट्ठी में आरोप लगाया गया कि राज्यपाल ने राजभवन की गरिमा को ठेस पहुंचाया औ इसे लेडीज क्लब में तब्दील कर दिया उन्होंने आरोप लगाया था, ‘यह ऐसा स्थान बन गया जहां राज्यपाल के सीधे निर्देश पर युवतियां आती और जाती थीं. उनमें से कई की उनके बेडरूम तक पहुंच थी.’
सूत्र बताते हैं कि पीआरओ की नौकरी के लिए पीड़िता का तीन बार इंटरव्यू हुआ. आठ दिसंबर 2016 को राज्यपाल ने अकेले में उसका इंटरव्यू लिया, जबकि नियुक्ति पत्र सात दिसंबर 2016 को ही जारी हो गया था.