रुद्रप्रयाग – रांसी मन्ना केदारनाथ ट्रैक पर फंसे दो ट्रेकर में एक की अत्यधिक ठंड से मौत हो गई है। जबकि दूसरे ट्रैकर को घायल अवस्था में रेस्क्यू दल द्वारा केदारनाथ लाकर, अस्पताल में भर्ती किया गया है। मृतक ट्रैकर का शव आज मंगलवार को हेलिकॉप्टर से लाया जा सकता है।
सोमवार को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के दस जवान छह पोर्टलों और दो गाइड के साथ केदारनाथ से दोनों ट्रैकर की खोज में निकले। एसडीआरएफ के हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में रेस्क्यू दल भैरवनाथ मंदिर के दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए रेस्क्यू दल चट्टानी रास्ते और भारी बर्फ के बीच से अपराह्न बाद महापंथ क्षेत्र में पहुंचा। यहां से कुछ दूर उन्हें एक टेंट लगा हुआ मिला। मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू दल ने पाया कि टेंट के अंदर एक ट्रैकर मृत पड़ा हुआ है। जबकि दूसरा ट्रैकर ठंड और बर्फ के कारण बुरी तरह घायल हो रखा है। मृतक ट्रैकर की शिनाख्त आलोक विश्वास (34) पुत्र बाबुल विश्वास, निवासी सगुना, पश्चिम बंगाल, के रूप में हुई है। जबकि घायल विक्रम मजूमदार (38) पुत्र विमान मजूमदार, 24 परगना, पश्निम बंगाल है।
रेस्क्यू दल द्वारा घायल ट्रैकर को बमुश्किल रात्रि लगभग दस बजे केदारनाथ लाया गया है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि रेस्क्यू दल से दोपहर बाद से संपर्क नहीं हो पा रहा था। रात्रि दस बजे दल के घायल ट्रैकर को लेकर केदारनाथ पहुंचने की सूचना मिल गई है। दल ने घायल को अस्पताल में भर्ती करा दिया है। बताया की मृतक ट्रैकर का शव मंगलवार को हेलिकॉप्टर से लाया जा सकता है।
बता दें कि बीते 2 अक्तूबर को पश्चिम बंगाल के 10 ट्रैकर का दल रांसी गांव से केदारनाथ के लिए रवाना हुआ था। दल में 8 पुरुष और 2 महिलाएं थीं। 8 ट्रैकर उसी देर रात्रि को केदारनाथ पहुंच गए थे। जबकि उक्त दो ट्रैकर ने चलने में असमर्थता जताई और महापंथ के समीप टेंट लगा दिया। बताया जा रहा है कि बीते शनिवार देर शाम को प्रशासन को इन ट्रैकर के फंसे होने की सूचना मिली थी। जिसके बात बीते रविवार को रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। लेकिन खराब मौसम के कारण रेस्क्यू शुरू नहीं हो पाया था।