रहस्यमय मौतों के पीछे लीची, रिसर्च में हुआ खुलासा!

litchi-12

बिहार के मुजफ्फरपुर  में बीते दो दशकों में सैकड़ों बच्चों की जान लेने वाली संदिग्ध बीमारी का पता चल गया है. स्थानीय लोगों में चमकी नाम से कुख्यात इस बीमारी से हर साल  कई बच्चों की जान चली जाती है. केवल 2014 में ही इस बीमारी की चपेट में आने से 122 बच्चों की मौत हो गई थी.

भारत और अमरीका के वैज्ञानिकों की संयुक्त कोशिशों से पता चला है कि खाली पेट ज्यादा लीची खाने के कारण ये बीमारी हुई है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्यादातर बच्चों ने शाम का भोजन नहीं किया था और सुबह ज्यादा मात्रा में लीची खाई थी. बच्चों में कुपोषण और पहले से बीमार होने की वजह भी ज्यादा लीची खाने पर इस बीमारी का खतरा बढ़ा देती है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि रात को खाना न खाने के कारण शरीर में हाइपोग्लाइसेमिया या लो ब्लड शुगर की प्रॉब्लम हो जाती है. खासकर उन बच्चों में जिनके लिवर और मसल्स में ग्लाइकोजन-ग्लूकोज को स्टोर करने की क्षमता सीमित होती है. जिसके कारण शरीर में एनर्जी पैदा करने वाले फैटी एसिड और ग्लूकोज का ऑक्सीकरण हो जाता है.

साल 2013 में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने इस मामले में संयुक्त रूप से जांच शुरू की थी.

डॉक्टरों ने इलाके के बच्चों को सीमित मात्रा में लीची खाने और उसके पहले संतुलित भोजन लेने की सलाह दी है. भारत सरकार ने इस बारे में एक निर्देश भी जारी किया है.

मुजफ्फरपुर के इलाके में लीची खूब पैदा होती है और दुनिया भर के बाजारों में यहां से भेजी जाती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here