
रंगीन फल या सब्जियों में बीटा-कैरोटीन, वीटामिन बी समेत विभिन्न पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधन संस्थान, आईएआरआई के अनुसार जो फल जितना रंगीन होगा, वह उतना ही स्वास्थ्यववर्धक होगा। रंगीन फल बताता है कि उसमें बीटा-कैरोटीन, विटामिन बी, विटामिन सी एवं अन्य पोषक तत्व अधिक मात्रा में है। बीटा-कैरोटीन को विटामिन ए के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर यह स्तन एवं गर्भाशय कैंसर, हृदय संबंधी बीमारियों, मोतियाबिंद, तनाव, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के उपाचार में मददगार है। यह पफल, सब्जी एवं अनाज में पाया जाता है। जो हरे रंग के फल हैं. उनमें भी बीटा-कैरोटिन या अन्य पोषक तत्व पाये जाते हैं पर रंगीन फलों की तुलना में उनमें विटामिन कम होते हैं। सभी फलों एवं सब्जी में पोषक तत्व होते हैं चाहे वह हरा हो या फिर किसी और रंग का। लेकिन रंगीन फलों की तुलना में उनमें विटामिन कम होते हैं। कृषि अनुसंधन संस्थान का फल एवं बागवानी विभाग आम, अमरूद, बेर जैसे फलों की ऐसी प्रजातियां विकसित करने में लगा है जो अधिक लाल या पीले रंग की होंगी। विभाग ने इस वर्ष जुलाई में पूसा प्रतिभा, पूसा श्रेष्ठ, पूसा लालिमा तथा पूसा पितांबर जैसी आम की किस्में पेश की हैं।
पूसा प्रतिभा का फल लाल रंग का तथा इसका गूदा नारंगी रंग का है। पूसा श्रेष्ठ एवं पूसा लालिमा लाल रंग का है जबकि पूसा पीतांबर पीले रंग का है। इसी प्रकार, विभाग ने लाल रंग का अमरूद और बेर का भी विकास किया है जबकि आमतौर पर अमरूद या बेर हरा या पीले रंग का देखने को मिलता है।

ये सभी फल न केवल देखने में स्वादिष्ट हैं बल्कि स्वास्थ्यववर्धक भी हैं क्योंकि इनमें सामान्य फलों के मुकाबले बीटा-कैरोटीन तथा अन्य विटामिन एवं पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में हैं। इस प्रकार के फलों को लोकप्रिय बनाने के लिए आईएआरआई इनके बीज किसानों के बीच वितरित कर रहा है। अधिक विटामिन एवं अन्य पोषक तत्व वाले आम एवं अन्य फलों के पौधौं को किसानों के बीच लोकप्रिय बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि बड़े पैमाने पर इस प्रकार की फल की किस्मों का उत्पादन हो सके।