लखनऊ: आदित्यनाथ योगी के सत्ता संभालने के साथ ही प्रशासन हरकत में दिख रहा है. यूपी में कई जगह बूचड़खानों पर छापे पड़ रहे हैं. मेरठ में तो एक अवैध बूचड़खाने पर बुलडोजर चला दिया गया है. फिलहाल ये बूचड़खाने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर बंद हो रहे हैं.

मेरठ

  • बुलडोजर के जरिए मेरठ इलाके के अवैध बूचड़खाने की जमीन में गड्ढ़ा किया गया और फिर काट कर रखा गया सारा गोश्त दफन कर दिया गया.

गाजियाबाद

  • दिल्ली से सटे गाजियाबाद में प्रशासन ने ना सिर्फ अवैध बूचड़खाने बंद कराए बल्कि इलाके में मीट की दुकानों पर भी कार्रवाई की.

अलीगढ़

  • अलीगढ़ के कमेला रोड पर अवैध तरीके से चलने वाले बूचड़खानों पर भी छापा मारा गया. अवैध रूप से चल रहे एक बूचड़खाने को सील भी किया गया.

कुशीनगर

  • गोरखपुर से लगे कुशीनगर के पडरौना के बसहियां बनवीरपुर में भी अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई हुई. छापेमारी से पहले ही बूचड़खानों के मालिक फरार हो गए लेकिन प्रशासन ने उनकी दुकानें बंद कर दी.

वाराणसी

  • वाराणसी के जैतपुरा के कमलगड़हा में भी बूचड़खाने पर कार्रवाई हुई. एनजीटी ने 2012 में ही इस बूचड़खाने को बंद करने का आदेश दिया था. यहां अवैध रूप से पशुओं को लाने और बाहर ले जाने का कारोबार चल रहा था. पुलिस ने सत्तर के करीब पशुओं को छुड़ाया और बूचड़खाने को सील कर दिया. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में वादा किय था कि अवैध यांत्रिक बूचड़खाने बंद किए जाएंगे. हालांकि हाथ से कटाई पर ऐसा वादा नहीं है.

यूपी में करीब चालीस यांत्रिक बूचड़खाने हैं जबकि 316 अवैध बूचड़खाने हैं. समझा जा रहा है कि यूपी सरकार इस बारे में विधानसभा में कानून पास करेगी लेकिन उससे पहले आदित्यनाथ योगी अध्यादेश लाकर अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश जारी कर सकते हैं.

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