ये हैं उत्तराखंड के असली सिंघम, जिनके नाम से कांपते है माफिया !

पुलिस का नाम सुनते ही आमतौर पर लोगों के ज़हन में कड़क सी आवाज और पुलिसिया रौब आता है लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी होते हैं जिनकी तरह लोग बनना चाहते हैं, जो जनता की प्रेरणा होते हैं और जिनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में जानने की सभी में उत्सुकता होती है। आज उत्तराखंड में ऐसे-ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जो भ्रष्टाचारियों और माफियाओ के लिए आफत का दूसरा नाम बन गए हैं, क्राइम करने वालों में इनके नाम से ही तहलका मच जाता है।
तेज-तर्रार सीनियर IPS अधिकारी अशोक कुमार

1989 बैच के सीनियर IPS अधिकारी अशोक कुमार की गिनती तेज-तर्रार पुलिस अधिकारियो में होती है। अशोक कुमार उत्तराखंड में एडीजी लाॅ एंड आॅर्डर की जिम्मेदारी संभाल रहे है। अशोक कुमार अपनी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदार छवि की वजह से लोगो के चहेते अधिकारी बने हुए है। आईपीएस अधिकारी अशोक कुमार को राष्ट्र के प्रति उनके विशेष योगदान के लिये पुरस्कृत भी किया है। इनके द्वारा पुलिस सेवा में कानून व्यवस्था बनाने के साथ साथ आतंकवाद के खिलाफ़ तराई क्षेत्र विशेष अभियान चलाते हुए कुख्यात आतंकी हीरा सिंह का खात्मा किया गया। ए.डी.जी इन्टेलीजेन्स व निदेशक सतर्कता के पद पर रहते हुए इनके नैतृत्व में 50 से अधिक उत्तराखण्ड के भ्रष्ट अधिकारियों/कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ व राष्ट्र विकास के लिये चल रही मुहिम में एक बड़ा योगदान था। वंही एडीजी अशोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस की नाक में दम करने वाले खूंखार अपराधी सुनील राठी और उसके गिरोह की कमर तोड़ दी है उनके निर्देश पर पुलिस ने सुनील राठी गिरोह के कई बदमाशो को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है..एडीजी अशोक कुमार की माने तो अच्छा पुलिस अधिकारी वही होता है जो आम जनता के हितो को ध्यान रखते हुए उनके बीच जाकर उनकी पीढ़ा को समझे और अपने जनपद को भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त बनाने की कोशिश करे…..

उत्तराखंड के चर्चित IPS अफसर केवल खुराना : ट्रैफिक एवं क्राइम कंट्रोल के मास्टर 
आईपीएस अधिकारी केवल खुराना अपनी दबंग छवि और कुशल नेतृत्व की वजह से उत्तराखंड के चर्चित अधिकारियो में से एक है। अपराधियो पर नकेल कसने के साथ प्रदेश के कई बड़े जिलों में चरमराई ट्रेफिक व्यवस्था को सुधारने करने के लिए लोग आज भी उन्हें याद करते नहीं थकते। आईपीएस अधिकारी केवल खुराना ने देहरादून,हरिद्धार,उधमसिंहनगर में एसएसपी रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए। अपराध से लेकर खनन और भू-माफियाओ के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर केवल खुराना लोगो के चहेते बन गए। राजधानी में बढ़ते क्राइम को कंट्रोल करते हुए शहर की चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था की सूरत ही बदल दी थी। हलांकि केवल खुराना अभी निदेशक यातायात की अहम जिम्मेवारी सभाले हुए है, लेकिन डीईजी पद पर प्रदोन्नत होने के बाद उनको जल्द ही बड़ी जिम्मेवारी मिल सकती है
 नशा मुक्त एवं माफियाओ पर नकेल डालना और युवाओ के प्रेरणादायक….IPS जन्मेजय खंडूरी

  : हम आपको उत्तराखंड के एक और जांबाज के बारे में बताने जा रहे हैं। ये हैं नैनीताल के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी। फिलहाल खंडूरी अपने कर्मो से उत्तराखंड के सबसे चर्चित पुलिस ऑफिसर बने हुए हैं। इनके काम करने का तरीका बेहद अलग है, इनके एक्शन लेने का अंदाज जुदा है। इसके साथ ही इनकी ईमानदार छवि की जनता तारीफे करती नहीं थकती। लूट, डकैती,हत्या, वन्य जीवों की तस्करी और ना जाने कितनी ऐसी घटनाओं पर ये पुलिस अधिकारी बड़े खुलासे कर चुका है। इस वजह से पुलिस के आला अधिकारी जन्मजेय खंडूरी की तारीफ करते नहीं थकते। एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने माओवादी नेटवर्क को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उनके नेतृत्व में नैनीताल पुलिस ने 50 हजार के ईनामी माओवादी देवेंद्र चम्याल और उसकी महिला साथी भगवती भोज को अरेस्ट किया है। देवेंद्र चम्याल को उत्तराखंड पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसिया काफी वक्त से ढूंढ रही थी। जन्मजेय खंडूरी ने पहाड़ के युवाओं को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए अलग अलग स्कूल और कालेजों में नशा मुक्ति जागरूकता अभियान चलाया है।

जटिल अपराधो के खुलासे में माहिर और जनपद से अपराध एवं अपराधियों का सफाया : IPS डॉ सदानंद दाते 
अपने सीधे-सरल स्वभाव के साथ-साथ कुशल नेतृत्व और तेज-तर्रार छवि रखने वाले आईपीएस अधिकारी डॉ सदानंद दाते उत्तराखंड में उन चुनिंदा, ईमानदार और काबिल अफसरों में शुमार हैं। जो अपनी मेहनत, ईमानदारी और काबिलियत के लिए जाने जाते रहे हैँ। डा.सदानंद दाते उत्तराखंड में युवाओं के बीच रोल मॉडल के रूप में भी जाने जाते हैं।एसटीएफ और देहरादून एसएसपी रहते हुए डॉ सदानंद दाते क्राइम कंट्रोल के साथ-साथ कई नामी बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है। इसके आलावा उन्होंने ड्रग्स और खनन माफियाओ के खिलाफ बेधड़क कार्यवाही की। दाते अब उधमसिंहनगर में तैनात है, वंहा इनका जलवा अब भी बरक़रार है।
दबंग एवं इमानदार छवि,अपराधियों एवं भू-माफियाओ नकेल लगाना        IPS : अरुण मोहन जोशी
सबसे कम उम्र के आईपीएस अधिकारी, IIT रूडकी से पासआउट, उत्तराखंड और हिमाचल से सटे एक छोटे से गांव में जन्मे 2006 बैच के आइपीएस अरुण मोहन जोशी अपनी हरिद्वार SSP की पहली पोस्टिंग से ही लोगों की पसंद बन गए थे। हरिद्वार में SSP रहते हुए उन्होंने कुछ ऐसे काम किए जिनको लोग आज भी नहीं भूल पाते हैं। हरिद्वार में साल में लगने वाले दो कांवड़ मेलों के दौरान जोशी ने ही पहली बार शहर में हजारों वाहनों की पार्किंग की ऐसी व्यवस्था की थी जिसको लोग और प्रशासन आज भी फॉलो कर रहे हैं। इतना ही नहीं मुंबई में CST रेलवे स्टेशन से हुई एक बच्ची की गुमशुदगी ने पूरे देश में हल्ला मचा दिया था, तब अरुण जोशी के ही कार्यकाल में उस बच्ची को ना केवल हरिद्वार से बरामद किया गया था बल्कि आरोपी को भी हरिद्वार पुलिस ने ही गिरफ्तार किया था। उनका खनन के काम में कार्रवाई करना ही उनकी हरिद्वार से विदाई का कारण बना। लेकिन हरिद्वार की जनता आज भी उनके कार्य की सरहना करती है, साथ ही जनता का मानना है कि हरिद्वार एसएसपी रहे अरुण मोहन जोशी कभी किसी का गलत नही होने देते…..
उत्तराखंड के ये वो आईपीएस अधिकारी है जिनके कार्यो को लेकर हमेशा प्रशंसा होती है. कहा जाता है कि जनता के हितो के लिए इन्होने अपनी कुर्सी की भी कभी परवाह नही की,यही कारण है अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड में क्राइम कंट्रोल में है……..

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