नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के बाद नालंदा विश्वविद्यालय के दूसरे चांसलर जॉर्ज यो ने यह कहते हुए पद से इस्तीफा दे दिया कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को प्रभावित किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें संस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर ‘नोटिस तक नहीं दिया गया.’
यो ने विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती बोर्ड के सदस्यों को भेजे एक बयान में कहा, ‘जिन परिस्थितियों में नालंदा विश्वविद्यालय में नेतृत्व परिवर्तन अचानक और तुरंत क्रियान्वित किया गया, वह विश्वविद्यालय के विकास के लिए परेशानी पैदा करने वाला तथा संभवत: नुकसानदायक है.’
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालय के विजिटर के रूप में 21 नवंबर को बोर्ड का पुनर्गठन किया था, जिससे प्रतिष्ठित संस्थान की संचालन इकाई का सरकार द्वारा पुनर्गठन किए जाने के बाद संस्थान के साथ सेन का लगभग एक दशक पुरान संबंध खत्म हो गया था.