नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमीनी हकीकत से दूर होने का आरोप लगाते हुए माकपा ने कहा कि नोटबंदी के कदम से भ्रष्टाचार से निपटने में ‘वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे।’ उन्होंने सरकार से कहा कि वाम शासित राज्य केरल से सीखिए जिसने 31 दिसम्बर तक पुराने नोटों के प्रयोग की अनुमति दी है।
बहरहाल इस मुद्दे पर हाथ मिलाने के तृणमूल कांग्रेस के प्रस्ताव पर पार्टी सतर्क है और संसद के शीत सत्र में सदन के अंदर समन्वय से इंकार नहीं किया है। वहीं कांग्रेस की तरफ से संसद में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और तृणमूल कांग्रेस के नेता मौजूद थे। इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में भाकपा भी माकपा के साथ है और दोनों ने दो हजार रूपये के नोट की शुरूआत करने पर सवाल खड़े किए हैं। वामपंथी दलों ने बैंक रिण नहीं चुकाने वाले, पनामा पेपर्स में जिन लोगों के नाम आए हैं और विदेशों में अवैध रूप से धन रखने वालों का नाम उजागर करने की मांग की है।
येचुरी ने मोदी पर आरोप लगाया कि वह ‘एक अलग दुनिया में रह रहे हैं जो जमीनी हकीकतों से दूर है’ जबकि ‘वास्तविक भारत’ अलग है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदम से भ्रष्टाचार से निपटने और आतंकवाद पर लगाम कसने के लक्ष्य में सहयोग नहीं मिलेगा।उन्होंने केंद्र से केरल की वामपंथी सरकार से सीखने को कहा जिसने 31 दिसम्बर तक पुराने नोटों के प्रयोग की अनुमति देकर ‘लोगों को कठिनाईयों से राहत’ दी है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा उन्हें फोन करने के बारे में पूछने पर येचुरी ने कहा कि माकपा यह देखेगी कि इस मुद्दे पर संसद में सरकार का रूख क्या है और ‘कौन कहां खड़ा है।’ तृणमूल के खिलाफ माकपा के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के खिलाफ सीबीआई जांच में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है और आरोप लगाया कि ‘दीदी भाई और मोदी भाई के बीच मैच फिक्सिंग है।’ उन्होंने कहा, ‘सारदा, नारदा घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है। इसमें कोई प्रगति क्यों नहीं हुई है? इसलिए यह जो भी हो, यह सदन के अंदर स्पष्ट होगा।’