

देहरादून। प्रदेश में स्थापित समस्त औद्योगिक इकाइयों में युवाओं का शोषण हो रहा है। रोजगार सम्बन्धी शोषण के खिलाफ जनसंघर्ष मोर्चा लगातार लड़ाई लड़ रहा है। इसी के फलस्वरूप सरकार को 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को देने के आदेश जारी करने पड़े थे, लेकिन युवा अपना अधिकार अब प्राप्त नहीं कर पा रहा है। इसका कारण इन उद्योगों की ठेका प्रथा है। यह विचार वृहस्पतिवार को जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने ईसी रोड स्थित एक गेस्ट हाऊस में व्यक्त किए। श्री नेगी के साथ उनके कई सहयोगी भी इस वार्ता में थे। उत्तराखंड सरकार को घेरते हुए श्री नेगी ने कहा कि यह सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल है और युवाओं के हित में काम नहीं कर रही है।
श्री नेगी ने कहा कि उत्तराखंड से बाहर के लोग, जो कि 2-4 वर्ष से उत्तराखंड में निवास कर रहे थे, उनके द्वारा प्रधान, जिला पंचायत इत्यादि जनप्रतिनिधियों से निवास का प्रमाण पत्र हासिल कर इन इकाइयों में बड़ी संख्या में रोजगार प्राप्त कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन युवाओं के लिए लड़ाई लड़ी गयी थी तथा उनको, उनका हक दिलाने का शासनादेश जारी कराया था वो युवा अपना हक लेने के बजाय राजनैतिक दलों की रैलियों/ प्रदर्शनों की शोभा बढ़ा रहे हैं, लेकिन अपना हक लेने के मामले में सोये हुए हैं। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर रही है इसलिए युवाओं को चाहिए कि वह अपना हक छीनने के लिए जागें। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, ओपी राणा, जयदेव नेगी, प्रवीण शर्मा पिन्नी आदि उपस्थित थे।



