यमुना नदी को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे की तर्ज पर एसटीपी बनाकर नालों को जोड़ा जायेगा….

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में बाढ़ से बचाव के लिए ऐतिहासिक कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री जी द्वारा बाढ़ कार्यों के लिए समय से धनराशि स्वीकृत करने के फलस्वरूप गत वर्ष प्रदेश में जनधन की हानि को कम से कम करने सफलता मिली। इस वर्ष भी बाढ़ निरोधक कार्यों को मानसून से पूर्व पूरा कराये जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समय रहते कार्यों को पूरा कराये जाने की जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सराहना की जा रही है। 
जलशक्ति मंत्री आज जनपद मथुरा में ब्रम्हर्षि देवरहा बाबा घाट पर सिंचाई विभाग द्वारा सीट फाइलिंग कार्य तथा बाढ़ निरोधक सुरक्षा कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने इस मौके से मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बाढ़ कार्यों के लिए माह जनवरी में ही आवश्यक धनराशि स्वीकृत की थी, जिसके कारण बाढ़ संबंधी परियोजनाओं पर समय से कार्य शुरू कराकर पूरा कराने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में बाढ़ कार्यों के लिए अप्रैल के महीने में धनराशि दी जाती थी और टेन्डर आदि की प्रक्रिया पूरी कराते-कराते बरसात का मौसम आ जाता था। इसलिए कोई कार्य समय से पूरा नहीं हो पाता था। मुख्यमंत्री जी ने सारे नियम एवं कानून में परिवर्तन करते हुए जनवरी माह में ही धनराशि अवमुक्त कराने की ऐतिहासिक फैसला लिया। समय से धनराशि प्राप्त होने के कारण मंदिर के पास के कटान के कार्य को समय से पूरा करा लिया गया।
डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि गत वर्ष बाढ़ से बचाव के लिए ऐतिहासिक कार्य कराया गया था, जिसकी जनता और जनप्रतिनिधियों को द्वारा सराहना की जा रही है। इस बार पूरे जोर-शोर से बाबा के आश्रम को बचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। यह कार्य 20-25 दिन में पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभागीय अभियन्ताओं को निर्माण कार्य पूरे गुणवत्ता के साथ कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही को गम्भीरता से लेते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार बाढ़ से बचाव के लिए संवेदनशील जनपदों में तेजी से कार्य कराया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में 15 लाख हेक्टेयर जमीन बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई थी। वर्ष 2019-20 में यह घटकर 12025 हे0 पर आ गई और गत वर्ष 2020-21 में 6886 हे0 अर्थात 15 लाख हे0 से घटकर 6000 पर आ गई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 42 जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं। सभी जनपदों में समय से ऐतिहासिक कार्य हुआ है।

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