रविवार को मोदी कैबिनेट का विस्तार हुआ और कुल 13 मंत्रियों ने पद की शपथ ली. मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान का कद बढ़ गया है और ये सभी अब कैबिनेट मंत्री बन गए हैं. निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय सौंपा गया है. सीतारमण देश की पहली पूर्णकालीन स्वतंत्र महिला रक्षा मंत्री हैं.
बताते हैं पूरी बाते देश की महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के बारे में :
निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडू के मदुरै में नारायण सीतारमण के घर हुआ था. उन्होंने सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से बीए किया और साल 1980 में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने गैट फ्रेमवर्क के तहत इंडो-यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड विषय पर पीएचडी की.
बाद में उन्होंने प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स में सीनियर मैनेजर के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी काम किया. वो हैदराबाद स्थित प्रणव स्कूल के फाउंडिग डायरेक्टर्स में शामिल हैं. इतना ही नहीं वो नेशनल कमिशन फॉर वुमन की सदस्य भी रह चुकी हैं.
उन्होंने साल 2006 में बीजेपी जॉइन की थी लेकिन साल 2014 में वो नरेंद्र मोदी के मंत्रालय का हिस्सा बनीं, इससे पहले वो बीजेपी के 6 प्रवक्ताओं में से एक थीं, जिनमें रविशंकर प्रसाद भी शामिल थे.
निर्मला सीतारमण के पति डॉक्टर पराकाला प्रभाकर 2000 के शुरुआती दशक में बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के प्रवक्ता थे. इस दौरान निर्मला सीतारमण भी धीरे-धीरे बीजेपी में लोकप्रियता हासिल करती गईं. इसके बाद नितिन गडकरी के बीजेपी अध्यक्ष रहने के दौरान वर्ष 2010 में उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता चुना गया.
उसके बाद से बीजेपी के प्रवक्ताओं के रूप में निर्मला सीतारमण अक्सर टीवी चैनलों पर नजर आने लगीं और वो दिल्ली से ज्यादा गुजरात में मशहूर हो गईं. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान प्रवक्ताओं के रूप में निर्मला का काफी अहम रोल रहा. इसके बाद चुनावों से पहले ही यह तक माना जाने लगा था कि अगर एनडीए की सरकार बनती है तो निर्मला मोदी कैबिनेट का हिस्सा जरूर होंगी. इन चुनावों में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की.
26 मई 2016 को निर्मला सीतारमण ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लिए राज्य मंत्री के तौर पर (इंडिपेंडेंट चार्ज) शपथ ली. इसके अलावा वो वित्त और कॉर्पोरेट अफेयर्स की राज्य मंत्री भी रहीं जो वित्त मंत्री अरुण जेटली के अंतर्गत आता है. इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश के राज्यसभा उप-चुनावों में उतरीं और इसमें उन्हें विजय हासिल हुई.
जहां निर्मला सीतारमण का झुकाव बीजेपी की तरफ था वहीं उनके पति का परिवार कांग्रेस समर्थक था. उनकी सास आंध्र प्रदेश से कांग्रेस की विधायक थीं, जबकि उनके ससुर 1970 में आंध्र प्रदेश के मंत्री थे.
साल 1991 में निर्मला और उनके पति इंग्लैंड से बारत वापस आए और आंध्र प्रदेश के नरसापुरम चले गए, उस समय तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हो गई और वो डीलिवरी के समय 1 हफ्ते तक अस्पताल में ही फंसी रहीं. बाद में वो एक बेटी की मां बनीं.
निर्मला पहली बार सुषमा स्वराज से तभी मिली थीं जब साल 2003 से 2005 तक वो नेशनल कमिशन फॉर वुमन (NCW) की सदस्य रही थीं.
बता दें कि निर्मला पहली पूर्णकालीन महिला रक्षा मंत्री बनी हैं, इससे पहले प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी 2 बार इस विभाग को संभाल चुकी हैं.