नई दिल्ली:पाकिस्तानी इलाके में भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल हमले ने लोगों को खुश होने का मौका दे दिया है। वहीं केद्र सरकार भी इस कामयाबी से फूली नही समा रही है। उरी में सेना पर हुए पाकिस्तानी हमले के बाद देश में रोश का माहौल था पर पाकिस्तानी इलाके में किए सर्जिकल स्ट्राइक ने देश के गुस्से को शांत करने का काम किया है।
सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार उरी में हुए आंतकी हमले के बाद सख्ते में आ गई थी। इसके साथ ही देश की जनता भी प्रधानमंत्री से लगातार हमले का जबाव देने की मांग कर रही थी। लोगों के उसी गुस्से के असर ने मोदी सरकार को वाह वाही दिलायी है।
उरी हमले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने केरल में कहा था कि पाकिस्तान के हुक्मरान सुन लें देश उरी हमले को देश भूलेगा नहीं 18 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. उरी हमले के बाद पीएम मोदी ने हर कूटनीतिक रास्ते को खुला रखा. उन्होंने बिना खून बहाए पाकिस्तान को जवाब देने की रणनीति बनाई.जिसमें सर्जिकल स्ट्राइक पर सहमति बनी। योजना के तहत सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए आतंकवादी कैंपों को खत्म करने पर मुहर लगी।
पीएम मोदी ने बैठक बुलाने के बाद इस रणनीति को अपनाने पर जोर दिया था। जिसके तहत सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अपनाया और जीत भी हासिल की। सूत्रो के मुताबिक इस हमले में 36-40 आंतकियों के मारे जाने की खबर है।
मोदी सरकार काफी दिनों से पाकिस्तान के खिलाफ कोई एक्शन न लेने को लेकर निशाने पर थीं पर मोदी की यह रणनीति ने सबके मुह बंद किए और 56 इंच के सीने के दम को दिखाया है। इसके अलावा मोदी सरकार अन्य तरीकों से भी पाकिस्तान को घेरने की योजना बना रही है। सार्क सम्मेलन में भारत के हिस्सा न लेने के फैसले ने भी पाकिस्तान को हिला दिया है। इसके बाद भारत के समर्थन में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी सार्क बैठक का बायकॉट किया,जो पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नही है।
क्या है सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक में सेना गुपचुप तरीके से सीमा के पार जाकर ऑपरेशन को अंजाम देती है. अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को भी ऐसी ही सर्जिकल स्ट्राइक में मारा था. भारत ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक की बात खुलकर कबूली है. इससे पहले पिछली साल जब सेना ने म्यांमार में इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम दिया था तो इस बारे में कुछ नहीं कहा था.