रूद्रप्रयाग/कुलदीप राणा. मोटरमार्ग निर्माण न होने पर भरदार के ग्रामीण करेंगे भूख हड़ताल
डुंगरी और स्वीली-सेम मोटरमार्ग के न जुड़ने पर दी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी
देश आजादी के 70 साल बाद भी कई गांव ऐसे हैं, जो आज तक मोटरमार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं। अब इन गांवों के लोगों ने भूखहड़ताल और चुनावों के बहिष्कार का निर्णय ले लिया है। पश्चिम भरदार क्षेत्र में जवाड़ी-गागड़ से डुंगरी भरदार और सेम-स्वीली-डुंगरी भरदार मोटरमार्ग निर्माण न होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश बना हुआ है।
इस बाबत ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत, गढ़वाल सांसद बीसी खंडूड़ी, प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य, विधायक भरत सिंह चैधरी और मुख्य सचिव उत्पल कुमार समेत तमाम जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधयों को ज्ञापन भेजा है। पश्चिम भरदार की ग्राम पंचायत स्वीली के तीन गांवों के ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि देश आजादी के 70 साल और राज्य निर्माण के 17 साल होने के बाद भी सेम, स्वीली और डुंगरी मोटरमार्ग से नहीं जुड़ पाया है।
जवाड़ी-गागड़ से डुंगरी भरदार को मोटरमार्ग को जोड़ने के लिए पीएमजीएसवाई सिंचाई खंड जखोली ने शासन को डीपीआर प्रेषित की है। वर्ष 2003-04 से ग्रामीण मोटरमार्ग की मांग कर रहे हैं। इसी तरह सेम-स्वीली-डुंगरी मोटरमार्ग की स्वीकृति के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ढाई किमी इस मोटरमार्ग की वर्ष 2007-08 में स्वीकृति मिली थी। सामाजिक कार्यकर्ता बृजमोहन डिमरी का कहना है कि दोनों मोटरमार्गों का निर्माण न होने से ग्रामीण आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी 2018 तक स्वीकृत मोटरमार्गों का निर्माण शुरू नहीं होता है तो ग्रामीण 26 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।
ज्ञापन में जिला पंचायत सदस्य आशा डिमरी ने कहा कि डुंगरी, स्वीली, सेम गांव के लोग कई वर्षों से मोटरमार्ग की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में कई बार शासन-प्रशासन से पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन आज तक मोटरमार्ग निर्माण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि जनता के आक्रोश को देखते हुये शासन-प्रशासन को जल्द ही मोटरमार्ग का निर्माण शुरू करना चाहिये। ज्ञापन में क्षेत्र पंचायत सदस्य दरमोला गुड्डी देवी, प्रधान रीना देवी, भरदार जन विकास मंच के अध्यक्ष एलपी डिमरी, पूर्व प्रधान ब्रह्मानंद डिमरी, हर्षपति डिमरी, रमेश रावत, हरि प्रसाद, भक्ति डिमरी, सच्चिदानंद डिमरी, राजेश्वरी देवी, पुष्पा देवी, अनिल डिमरी, रमेश सिंह समेत कई ग्रामीणों के हस्ताक्षर मौजूद थे।