देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा’ (नीट) के लिए नोटिफिकेशन जारी होते ही छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. अब छात्र-छात्राएं अधिकतम तीन बार ही नीट परीक्षा दे पाएंगे. साथ नीट में बैठने की अधिकतम उम्र 25 साल कर दी गई है.
मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले कई छात्र-छात्राओं का कहना है कि वे पूरे साल इसकी तैयारी में जुटे थे. अब जब परीक्षा का समय आया है तो सरकार ने अचानक से तीन बार बैठने की बाध्यता थोप दी है. इससे देश के लाखों छात्रों का पूरे एक साल की मेहनत और समय बर्बाद हो गया है.
आरक्षित श्रेणी के छात्र-छात्राओं को उम्र में छूट
नीट के नोटिफिकेशन में आरक्षित श्रेणी के छात्र-छात्राओं को 30 साल की उम्र तक परीक्षा देने की छूट दी गई है. हालांकि उन्हें भी अधिकतम तीन बार ही नीट देने की अनुमति है.
सीबीएसई की ओर से नीट परीक्षा के नियमों में किए गए इस बदलाव से छात्र-छात्राओं के रोष है. खासकर इसका असर पटना, दिल्ली, कोटा, वाराणसी, कानपुर जैसे शहरों में ज्यादा देखने को मिल रहा है. इन शहरों में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या काफी अधिक है.
एक मार्च तक नीट के लिए कर सकेंगे आवेदन
नोटिफिकेशन के मुताबिक शिक्षण सत्र 2017-18 के तहत प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए एक मार्च 2017 तक आवेदन किया जा सकेगा. परीक्षा 7 मई 2017 को होगी और 8 जून 2017 को रिजल्ट जारी किया जाएगा. स्टूडेंट्स अधिक जानकारी और ऑनलाइन आवेदन के लिए नीट की ऑफिशियल वेबसाइट देख सकते हैं.
मालूम हो कि नीट में आने वाले रैंक के आधार पर छात्र-छात्राओं को देशभर के मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस में प्रवेश दिया जाता है. इस परीक्षा के तहत उन कॉलेजों में एडमिशन प्रवेश मिलता है, जो मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया और डेटल कांउसिल ऑफ इंडिया की ओर से संचालित हैं. इस साल नीट का आयोजन आठ भाषाओं- हिंदी, अंग्रेजी, असमी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल और तेलुगू में होगा.