
प्रदेश महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुजफ्फरनगर रेल दुर्घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए रेल मंत्री के त्याग पत्र की मांग की है व रेलवे स्टेशन पर दुर्घटना में मारे गए लोगो को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया।

उन्होने रेल मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन देहरादून के रेलवे स्टेशन मास्टर व ड़ी.आर.एम. मुरादाबाद को भेजा है जिसमें उनसे मुजफ्फरनगर खतौली के पास कलिंग उत्कल एक्सप्रैस की दुर्घटना में अब तक 50 से अधिक लोगो के मारे जाने व लगभग 100 से अधिक लोगो के घायल होने के समाचार प्राप्त हुए है, यह भी स्पष्ट रुप से सामने आया है कि उपरोक्त हादसा रेलवे की बड़ी चूक के कारण हुआ है। ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था व स्थानीय नागरिक रेल विभाग को महीनों से विभाग की लापरवाही से अवगत करा रहे थे, परन्तु रेल विभाग की लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हो गया जिसमें कई लागो को अपनी जान गवानी पड़ी है। 2014 से अब तक 27 भीषण रेल दुर्घटनाओं में 259 लोगो ने अपनी जान गवाई है और लगभग 899 लोग बुरी तरह घायल हुए है लगता है कि यात्रियों की सुरक्षा के प्रति रेल विभाग गम्भीर नही है इसलिए इतने अधिक जान-माल की हानि हुई है। रेल मंत्रालय की लापरवाही व उचित संचालन न होने के कारण ही इतने लोगो ने अपनी जान गंवाई है, जहॅा तक रेल सेवाओं के संचालन पर कैग (कन्ट्रोलर ऑफ आड़ित जनरल) ने आपत्तियॉ उठाते हुए विभाग को कठघरे में खड़ा किया व कहा है कि दुर्घटनाओं को रोकने में असफल होने की जिम्मेदारी लेते हुए आपको अपना त्याग पत्र देकर एक मिसाल कायम करनी चाहिए। उन्होने कहा कि अच्छे दिन व बुलेट ट्रेन का सपना दिखाने वाली केन्द्र सरकार काकोदकर समिति की रिपोर्ट को रेलों के संचालन व सुरक्षा के लिए लागू करें, और यह भी मांग करी की मुजफ्रनगर रेल दुर्घटना के नरसहांर के दोषी अधिकरियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पदमश्री वैध बालेन्दु, मीना बिष्ट, सरदार हरजीत सिंह, कुलदीप प्रसाद डोबरियाल, सरदार ड़ी.पी. सिंह, हरीश नागपाल, रेखा ढींगरा, आशिया खान, पूजा, कमलकांत शर्मा, भरत कुमार, विकास, रेहाना, आशा देवी, पूर्णिमा शर्मा, शाहिदा, हिमांशु लोधी, जगमोहन सिंह, सुशील विरमानी, प्रभात डंड़रियाल, पंकज नेगी, कोकिला देवी, गुरुदीप सिंह आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।



