देहरादून- सचिवालय में आज मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने भारत सरकार के आकांक्षी जिले हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारियों से विडियों कांफेर्सिंग से अनटाइड फंड के लिए व्यवस्था एवं योजनाओं में उपलब्धियों विषयक समीक्षा की। मुख्य सचिव द्वारा हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारियों को एक सप्ताह में विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाएं, जो धन की कमी के कारण अपूर्ण है, की आवश्यकता दर्शाते हुये औचित्य सहित धन की मांग का प्रस्ताव तुरन्त भेजने के निर्देश दिये। उन्होनें हरिद्वार के रिक्त चिकित्साधिकारियों, ए.एन.एम., आशा कार्यकत्री, स्वास्थ्य में सांख्यकी अधिकारी के पदों की मांग पर स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होनें कमजोर बच्चों के न्यूट्रिशन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश जिलाधिकारी हरिद्वार को दिये। तथा दोनों जनपदों के जिलाधिकारियों से जनपद से सम्बन्धित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विषयक समस्याओं पर निरन्तर अनुश्रवण करने के निर्देश दिये तथा इस कार्य के लिए वांछित धनराशि का प्रस्ताव औचित्य सहित एक सप्ताह में शासन को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। बता दे कि हरिद्वार के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 की जिला योजना में 37.05 करोड की धनराशि तथा ऊधमसिंह नगर के लिए 40.81 करोड़ रु0 प्राविधानित है जिसके सापेक्ष उधमसिंह नगर के लिये 26.10 करोड़ तथा हरिद्वार हेतु 23.34 करोड़ रु0 की धनराशि की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। मुख्य सचिव द्वारा योजनाओं कि भौतिक प्रगति की समीक्षा की गयी। उन्होंने अवशेष धनराशि का शीघ्रता से उपयोग करने के निर्देश दिये तथा जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर एवं हरिद्वार को निर्देश दिये, कि ऐसी योजनाऐं जो महत्वपूर्ण है। तथा धन के अभाव से अपूर्ण है तथा जनता के लिए उपयोगी है, हेतु वांछित अनटाइड फंड की मांग औचित्य के साथ उपलब्ध कराये। बैठक में प्रभारी सचिव रंजीत सिन्हा, अपर सचिव नियोजन रामविलास यादव, मुख्य अभियंता वाई. सिंह, जी.एम जल संस्थान निलिमा गर्ग संमन्वयक स्वच्छ भारत मिशन डी.आर. जोशी, समेत सम्बन्धित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।