मुख्यमंत्री योगी ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2019 में चयनित उप जिलाधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए….

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन से वर्तमान सरकार ने सवा चार वर्षाें के दौरान निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। प्रदेश में चयन की प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। विगत सवा चार वर्षाें के दौरान साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री लोक भवन में उ0प्र0 लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2019 में चयनित उप जिलाधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 10 नवचयनित उप जिलाधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री जी ने देश के सबसे बड़े राज्य में सबसे बड़ी प्रशासनिक व्यवस्था का भाग बनने के लिए नव चयनित उप जिलाधिकारियों को बधाई दी एवं उ0प्र0 लोक सेवा आयोग को निष्पक्षता एवं पारदर्शिता से चयन प्रक्रिया को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उ0प्र0 लोक सेवा आयोग द्वारा जिस शुचिता के साथ उप जिलाधिकारियों का चयन किया गया है, उसी शुचिता के साथ नव चयनित उप जिलाधिकारी अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन, निष्पक्षता व पारदर्शिता से करें, जिससे उनकी प्रशासनिक सेवाआंे का लाभ प्रदेश के हर नागरिक को प्राप्त हो सके।
नवनियुक्त उप जिलाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा को भारतीय प्रशासनिक सेवा की रीढ़ माना जाता है। हर एक व्यक्ति को न्याय देना अधिकारियों का दायित्व होना चाहिए। अधिकारियों का यह ध्येय होना चाहिए है कि प्रत्येक पीड़ित को न्याय मिले तथा वह व्यक्ति इसका एहसास भी कर सके। प्रत्येक अधिकारी द्वारा समयबद्ध ढंग से जनता की समस्याओं की सुनवायी कर उसे न्याय दिए जाने से आमजन की बहुत सी समस्याओं का निस्तारण किया जा सकता है। हमें समाज की समस्याओं को सुलझाने का माध्यम बनना होगा। एक बेहतर संवाद के माध्यम से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक भी चयन प्रक्रिया न्यायालय में लम्बित नहीं है। पूरी पारदर्शिता, ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ सम्पूर्ण कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया। सभी बोर्डों और आयोगों से आग्रह किया गया कि पूरी ईमानदारी के साथ प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। योग्यता, मेरिट और आरक्षण के नियमों का पूरा पालन करें। किसी भी प्रकार से, किसी भी बाहरी व्यक्ति को आपकी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अवसर नहीं मिलना चाहिए। प्रदेश के युवाओं को उनकी प्रतिभा, क्षमता और योग्यता के अनुरूप, उनका स्थान प्राप्त होना ही चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश में सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया कलंकित हो चुकी थी। भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार के कारण न्यायालय को जांच के आदेश देने पड़े थे। यह प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ था। पिछली सरकारों द्वारा कुत्सित मंशा के तहत युवाओं को कंुठित किया जाता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की अधिकतर समस्याएं राजस्व से जुड़ी होती हैं। आपराधिक गतिविधियों के पीछे भी ज्यादातर राजस्व विवाद ही होते हैं। राजस्व सम्बन्धी विवाद का समय से निस्तारण न हो पाने से आमजन को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिले, न्याय से कोई वंचित न रह पाए, किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसलिए अधिकारियों को पूरी ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। अपने-पराये का भेद किए बगैर, अपने पूरे ज्ञान, दक्षता और व्यवहार से हर एक व्यक्ति को सम्मान और न्याय दें। यह कार्य पद्धति से झलकना भी चाहिए।

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