मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सगन्ध कृषकों का किया सम्मान, कहा सगन्ध पौधों की खेती किसानों की आय दुगनी करने में होगी मददगार।

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हाथीबड़कला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के सगन्ध कृषिकरण से जुड़े किसानों सम्मानित कर सगन्ध पौधों का वितरण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सगन्ध पौघों की खेती से जुड़े किसान देश विदेश में फूलों की खुशबू ही नहीं बल्कि प्रदेश की पहचान भी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की प्राकृतिक जलवायु सगन्ध पौधों के उत्पादन के अनुकूल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सगंध पौधों की खेती किसानों की आय दुगनी करने में भी मददगार हो सकता है। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था की गई है। हमारे पारम्परिक उत्पाद आजीविका का आधार बने, इस दिशा में भी पहल की जा रही है। एप्पल एवं कीवी मिशन के माध्यम से राज्य में सेब, कीवी तथा चाय आदि के क्षेत्र में पहचान बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। 2025 के कालखण्ड में राज्य कृषि, उद्यान, बागवानी एवं ग्राम्य विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बने इसका भी रोड मेप तैयार किया जा रहा है।


मुख्यंत्री ने एक से अधिक फसलों के उत्पादन के साथ कृषि क्षेत्र में हो रहे वैज्ञानिक अनुसंधानों को उपयोग में लाकर कृषि को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर सम्मानित होने वाले किसान अन्य किसानों के भी प्रेरणा स्रोत बनेंगे तथा तकनीकी ज्ञान के प्रसार से अधिक से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। इससे एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने में भी मदद मिलेगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल के इस कालखण्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 8 सालों का नेतृत्व किसानों के जीवन में बदलाव लाने के रहे हैं। किसानों की आय दुगनी करने के लिये अनेक योजनाओं का लाभ किसानों को दिया गया है। पहले योजनाये व्यक्ति विशेष को देखकर बनायी जाती रही है।

मोदी के नेतृत्व में बनायी जा रही नीतियों के केन्द्र में गरीब मजदूर किसान व समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति शामिल है। आज भारत उन देशों में शामिल है जो खाद्यान्न में आत्मनिर्भर ही नही निर्यात भी कर रहा है। देश में दलहन व तिलहन की पैदावार भी बढ़ी है। वैज्ञानिक अनुसंधान के द्वारा कृषि क्षेत्र में बदलाव आया है। सामुहिक एवं कलस्टर बेस खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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