मसूरी का ऐतिहासिक भदराज मेले में लगी श्रद्धालुओं की भारी भीड़।

0
207

देहरादून/मसूरी – उत्तराखंड में भगवान बलराम का एकमात्र मंदिर जो साढ़े सात हजार फीट की ऊंचाई पर तथा मसूरी से लगभग 15 किमी की दूरी पर दुधली भदराज पहाड़ी पर स्थित भदराज मंदिर में दो दिवसीय मेला आज संपन्न हो गया। मेले में जौनसार, पछुवादून, जौनपुर, मसूरी, विकासनगर, देहरादून सहित समीपवर्ती अन्य ग्रामीण इलाकों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान बलभद्र का दुग्धाभिषेक कर दूध, मक्खन व घी से पूजा अर्चना कर अपने परिवार की खुशहाली व सुरक्षा व पशुधन व फसलों की रक्षा की मनौतियां मांगी। मगंलवार को शुरू हुआ दो दिवसीय पारंपरिक मेला बुधवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हो गया।

मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि दुधली पहाड़ी पर पछुवादून व जौनपुर की सिलगांव पट्टी के ग्रामीण चौमासे में अपने पशुओं को लेकर उक्त पहाड़ी पर चले जाते थे। लेकिन पहाड़ी पर एक राक्षस उनके पशुओं को खा जाता था। मवेशी पालकों को भी परेशान करता था, जिस पर ग्रामीण भगवान बलराम के पास सहायता के लिए पहुंचे।
बलराम ने ग्रामीणों को मायूस नहीं किया और पहाड़ी पर जाकर राक्षस का अंत कर, चरवाहों के साथ लंबे समय तक पशुओं को चराया। इसीलिए ग्रामीणों ने भगवान बलराम का मंदिर यहां पर बनाकर उनकी पूजा शुरू की गई, जो आज भी जारी है। ऐसी मान्यता है कि भगवान बलभद्र आज भी उनके पशुओं की रक्षा करते हैं।

एक अन्य पौराणिक कथाओं के अनुसार यह मंदिर भगवान कृष्ण के बड़े भाई भगवान बलराम को समर्पित है। यहाँ भद्राज के रूप में बलराम जी की पूजा होती है। भगवान भद्राज को पछवादून, मसूरी और जौनसार क्षेत्र के पशुपालकों का देवता माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में जब भगवान बलराम, ऋषि वेश में इस क्षेत्र से निकल रहे थे, तब उस समय इस क्षेत्र में पशुओं की भयानक बीमारी फैली हुई थी। ऋषि मुनि को आपने क्षेत्र से निकलता देख, लोगो ने उन्हें रोक लिया और पशुओं को ठीक करने का निवेदन करने लगे। तब बलराम जी ने उनके पशुओं को ठीक कर दिया। लोगों ने उनकी जय जय कार की और यही रहने की विनती की तब बाबा, कुछ समय उनके पास रुक गए। और उनको आशीर्वाद दिया कि कलयुग में मैं यहाँ मंदिर में भद्राज देवता के नाम से रहूंगा।

विगत 2 वर्षों से भद्राज मेला सांकेतिक हुआ है। लेकिन 2022 में कोरोना के हालात नियंत्रण में हैं और सभी सामाजिक कार्य पूर्ण उत्साह से चल रहे हैं। इस लिहाज से 2022 में भद्राज मेला पूरे उत्साह से मनाया गया।
सभासद जसबीर कौर ने सरकार से मांग की कि भगवान भद्राज मेले को पर्यटन मेले के नक्शें पर स्थान दिया जाये। जिससे यहां पर हजारों बड़ी तादात में आने वाले श्रद्वालुओं को सुविधा मिल सके और देश विदेश के पर्यटक मंदिर और आसपास के दृश्य और वातावरण का आनंद उठा सकें। उन्होंने कहा कि भद्राज मंदिर अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने मंदिर की दषा सुधारने के सकारात्मक प्रयास किए व आवष्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराने में भागीदारी की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here