देहरादून – मसूरी एसडीएम नरेश दुर्गापाल ने एसडीएम कार्यालय में मसूरी में पर्यटन सीजन की तैयारियां व पूर्व में दिए गए उच्च अधिकारियों को दिशा निर्देश के अनुपालन को लेकर समीक्षा बैठक की गई। जिसमें उन्होंने जल निगम के अधिकारियों को पेयजल लाइनें डालने के बाद धीमी गति से सड़क निर्माण किये जाने को लेकर जमकर फटकार लगाई। इस मौके पर उन्होंने लोक निर्माण विभाग को भी सड़कें को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरपालिका अधिशासी अधिकारी को माल रोड पर लगे एंटीक पोलो और हवाधरों से स्पा और अन्य विज्ञापनों को तत्काल हटाने के लिए दिये। विद्युत विभाग और टेलीकॉम कंपनियों को 15 दिन के भीतर माल रोड से सभी झूलती हुई तारों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं । उन्होंने कहा कि लगातार उच्च अधिकारियों और कैबिनेट मंत्री के निर्देशों पर माल रोड का सौंदर्यीकरण करने का काम किया जा रहा है। वह जल्द माल रोड को तोड कर 6 से 8 इंच डाउन कर निर्माण करने का काम शुरू किया जायेगा।
भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा कि माल रोड को बनाते समय सर्विस गैलरी का हर हाल में निर्माण कराया जाए, जिससे कि माल रोड को बार-बार ना खोदा जाए। उन्होंने मसूरी लंढोर बाजार में पेयजल की लाइनें डालने के साथ सड़क निर्माण किये जाने को लेकर पूर्व में ही योजना बनाने केा आग्रह किया जिससे कि लंढोर वासियों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। मोहन पेटवाल ने कहा कि वह लगातार पालिका प्रशासन से मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक पर शौचालय ना होने के कारण लोगो को हो रही दिक्कतों के बारे में बता रहे हैं, परंतु नगर पालिका प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। उन्होंने एसडीएम मसूरी से नगर पालिका या मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से पिक्चर पैलेस चौक के आसपास शौचालय का निर्माण कराने की मांग की है।
इस मौके पर मसूरी मजदूर यूनियन द्वारा कुछ रिक्शा चालकों को विस्थापित करने का आग्रह किया गया। एसडीएम ने कहा कि पूर्व में मजदूर संघ द्वारा यह मांग की गई थी कि जो लोग रिक्शा नहीं चलाना चाहते हैं उनको पुर्नविस्थापित कर रोजगार से साधन से जोडा जाये जिसको लेकर उनके द्वारा मजदूर संघ से उन लोगो की सूची मांगी गई है। जो रिक्शा का संचालन नहीं करना चाहते हैं। मजदूर संघ के सचिव देवी गोदियाल ने कहा कि पूर्व में भी नगर पालिका और प्रशासन द्वारा रिक्शा चालकों को पुर्नविस्थापित करने कर कार्यवाही की गई थी जिसमें से 65 लोगों को चयनित किया गया परंतु आज तक उन लोगों पुनर्वास नहीं किया गया है।
एसडीएम ने कहा कि कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।