देहरादून – मसूरी शिफन कोर्ट के बेघर हुए 84 परिवारों को पालिका द्वारा मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों में अस्थाई रूप से नगर पालिका द्वारा बसाया गया है। जिसमें से कुछ परिवार मसूरी टिहरी बाईपास रोड आईडीएच बिल्डिंग के पास बसाया गया था, परंतु बुधवार को पालिका प्रशासन द्वार एक टिनशेड में रह रहे लोगों को बिना बताये ध्वस्त कर दिया गया। वही टिनशेड में रखे सामान को सड़क पर रख दिया गया। बेघर हुए मजदूर परिवार परेशान है उनका कहना है कि वह अपने परिवार के साथ कहाँ जाये पालिका द्वारा उनको कूड़े के ढेर पर बसाया गया। वह अब वहां से भी उनको बिना बताये हटा दिया गया। मजदूर नेता संजय टम्टा मजदूर संघ के अध्यक्ष गंभीर पवार और संपत्ति लाल ने कहा कि नगर पालिका द्वारा बिना बताए ही मजदूर को घर से बेघर कर दिया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पालिका प्रशासन ने शिफन कोर्ट से बेघर हुए में से कुछ लोगो को आईडीएच बिल्डिंग और उसके पास कूड़े के ढेर पर बसा दिया गया परंतु अब यहां पर भी रहने नहीं दिया जा रहा है। बिना बताए ही एक गरीब मजदूर के मकान को ध्वस्त कर समान को बाहर रख दिया गया है। उन्होंने कहा पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता किस तरीके की पालिका को संचालन कर रहे हैं, किसी को समझ में नहीं आ रहा है और अब एक बार फिर गरीब मजदूरों को बेघर किया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूर संध का एक प्रतिनिधिमंडल पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी से मुलाकात करेगा, अगर उनके द्वारा बेघर मजदूर को दूसरी जगह विस्थापित करने की मांग करेगा और अगर उनको सकारात्मक जवाब नहीं दिया जाता तो मजदूर संध पालिका प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता द्वारा चुनाव के समय पर बड़ी-बड़ी बातें की गई शिफन कोर्ट को उजाडने में भी उनकी अहम भूमिका रही, अगर वह चाहते तो शायद शिफन कोर्ट बिना उनको विस्थापित करे खाली ना होता। पालिकाध्यक्ष द्वारा शिफन कोर्ट को विस्थापित करने के नाम नाम पर सिर्फ गुमराह किया जा रहा है ।