देहरादून – देश में मंकी पॉक्स के कुछ गिने चुने मामले सामने आने के बाद से ही केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही सभी राज्यों को मंकी पॉक्स के संबंध में गाइडलाइन जारी करने और अभी से ही तैयारिया करने के निर्देश दिए गए है। इसी क्रम में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी करने के साथ ही एडवाइजरी जारी कर दी है। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और प्रदेश के सभी सीएमओ को पत्र लिखकर अभी से ही सभी तैयारियों को मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं। हालाकि, इस संबंध में राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के डायरेक्टर आर राजेश कुमार ने आदेश जारी कर दिए है।
आपको बता दे कि मंकीपॉक्स, एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता बताते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया है। हालाकि, अभी तक उत्तराखंड राज्य से मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी कर दिया है। जारी एडवाइजरी में जिक्र किया गया है कि राज्य में मंकी पॉक्स के स्थिति की कड़ाई से निगरानी करने और निगरानी को मजबूत करने और अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को अलर्ट मोड पर रखने का निर्देश दिए है।
मंकी पॉक्स के लिए जारी दिशा निर्देश……..
- मंकीपॉक्स के एक मामले को भी प्रकोप माना जाना चाहिए।
- किसी भी संदिग्ध मामले की सूचना तत्काल जिला निगरानी इकाइयों को दें।
- दिशानिर्देशों के अनुसार सैंपल को प्रयोगशालाओं को भेजें।
- रैपिड रिस्पांस टीमों को आईडीएसपी के माध्यम से विस्तृत जांच शुरू करने की आवश्यकता है।
- संभावित मामले या समूहों के लिए निगरानी रखी जाए।
- सिम्टम्स का पता लगाने के बाद मरीज से संपर्क कर टेस्टिंग करे।
- अस्पताल आधारित निगरानी: त्वचा विज्ञान क्लीनिक, एसटीडी क्लीनिक, चिकित्सा, बाल रोग ओपीडी आदि में स्वास्थ्य सुविधा आधारित निगरानी और परीक्षण।