भारतीय वायुसेना को अभ्यास के दौरान मिली बड़ी सफलता, पहली बार प्रचंड हेलीकॉप्टर को ऊंचाई वाले इलाके में कराया लैंड

नई दिल्ली – भारतीय सेना पूर्वोत्तर भारत में संयुक्त युद्धाभ्यास कर रहे हैं। वायुसेना को अभ्यास के दौरान बड़ी सफलत मिली है। खबर के अनुसार, पहली बार वायुसेना ने प्रचंड हेलीकॉप्टर को ऊंचाई वाले इलाके में लैंड कराया गया है। लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) की सफल लैंडिंग अभ्यास पूर्वी आकाश के दौरान कराई गई है।

लैंडिंग से पहले रॉकेट फायर करने में भी मिली सफलता
वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि स्वदेशी हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड पहली बार ऊंचाई वाले इलाके में तैनात किया गया। उच्च ऊंचाई वाले उन्नत लैंडिंग ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर को सफलतापूर्वक उतारा गया। इससे पहले इसी प्रचंड हेलीकॉप्टर से 70 एमएम रॉकेट की सफल फायरिंग भी की गई थी। रॉकेट की फायरिंग सोमवार को असम में लिकाबाली के पास एक फायरिंग रेंज में की गई थी।

संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान लड़ाकू प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल
प्रचंड हेलीकॉप्टर के साथ मिली कामयाबी के बारे में वायुसेना ने कहा, पूर्वी आकाश युद्धाभ्यास के दौरान कई अन्य लड़ाकू प्लेटफार्म का भी इस्तेमाल किया गया। अलग-अलग उन्नत प्रणालियों के साथ-साथ जमीनी बलों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास में भाग ले रहे सैनिक और अधिकारी संयुक्त ऑपरेशन के दौरान अपने कौशल को निखारने पर काम कर रहे हैं।
स्वदेशी प्रचंड पिछले साल सेना के साथ जुड़ा
सेना के एक बयान के मुताबिक प्रचंड हेलीकॉप्टर का उपयोग धीमी गति से चलने वाले विमानों और विरोधियों के दूर से संचालित विमानों (आरपीए) के खिलाफ भी किया जा सकता है। एलसीएच प्रचंड को पिछले साल की दूसरी छमाही में सेना और भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था।

किन लक्ष्यों पर हमला कर सकता है प्रचंड
पूरी तरह भारत में विकसित और तैयार लड़ाकू विमान प्रचंड के बारे में आई खबरों के मुताबिक इसे सरकारी एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित है। 5.8 टन वजनी हेलीकॉप्टर जुड़वां इंजन वाला एलसीएच है। विभिन्न हथियार प्रणालियों से लैस है इस चॉपर की मदद से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के टैंक, बंकर, ड्रोन और अन्य संपत्तियों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।

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