भाजपा और कांग्रेस दिग्गजों के बीच छिड़ी जुबानी जंग, हरीश रावत ने कोश्यारी को बताया “खेत में खड़ी फसल को चरने वाला बैल”, तो कोश्यारी ने हरीश रावत को बताया “झुंड से अलग हटकर रहने वाला अकेला बंदर”…

देहरादून- उत्तराखंड में इन दिनों भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नैनीताल संसदीय सीट के प्रत्याशी हरीश रावत ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को ‘मैं उज्याड़ खानी बल्द’ (खेत में खड़ी फसल को चरने वाला बैल) बताया तो कोश्यारी ने हरीश रावत को ‘यकलू बानर’ (झुंड से अलग हटकर रहने वाला अकेला बंदर) करार दिया। बरेली रोड स्थित एक सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में उन्होंने हरीश रावत को ‘यकलू बानर’ कहा। बता दें 24 मार्च को नैनीताल रोड स्थित भाजपा के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन पर पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी ने ‘हरदा’ को ‘हारदा’ कहकर निशाना साधा था। इस पर हरीश रावत ने भी कोश्यारी को ‘उज्याड़ खानी बल्द’ बताया। पहाड़ की खेती किसानी में रचे बसे इस बैल की आदत ही यह होती है कि वह जहां हरी भरी फसल देखता है, वहां मुंह मारने चल पड़ता है। दूसरी ओर अकेला बंदर भी पहाड़ के ठेठपन को अपने में समेटे हुए हैं। यह बंदर झुंड से दूर ही रहता है और सामान्य रूप से अन्य बंदरों की तुलना में अधिक कटखना माना जाता है। दोनों ही नेता एक-एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और पहाड़ की लोक संस्कृति में रचे बसे हैं।

 

 

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