देहरादून: पहाड़ों की रानी मसूरी के निवासियों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। फ्रीज जोन में लोग अब 100 वर्ग मीटर के दायरे में भवन निर्माण कर सकेंगे, जबकि फ्रीज जोन के बाहर यह छूट 150 वर्ग मीटर में होगी।ज्ञात हो कि मसूरी में 1996 से निर्माण कार्यो पर रोक है और तब से ही नक्शे पास भी नहीं किए जा रहे। हालांकि, पर्यटन नगरी में निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। इस सबको देखते हुए कुछ शर्तो के साथ निर्माण कार्यो में छूट की मांग उठती रही है। इसी कड़ी में प्रदेश मंत्रिमंडल ने मसूरी में फ्रीज जोन के भीतर और इससे बाहर क्रमश: 100 और 150 वर्ग मीटर में भवन अथवा कक्ष निर्माण को हरी झंडी दी है। स्थानीय लोगों लंबे समय से भवन निर्माण की छूट व पुराने भवनों की मरम्मत की अनुमति की मांग कर रहे थे। ऐसे में इस फैसले से मसूरीवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। वहीँ देहरादून शहर में रिस्पना और बिंदाल नदियों के लिए शुरू की गई रिवर फ्रंट योजना की जद में आने वाले लोगों को राज्य सरकार मकान बनाकर देगी। प्रदेश कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर रविवार को मुहर लगा दी। गौरतलब है कि दोनों नदियों के किनारे अतिक्रमण से अटे पड़े हैं और वहां मलिन बस्तियों की भरमार है। इसके मद्देनजर ही दोनों नदियों के लिए रिवर फ्रंट योजना शुरू की गई है। मंशा ये है कि दोनों नदियों को गुजरात के साबरमती प्रोजेक्ट की तर्ज पर विकसित किया जाए। इसके लिए हाल में एमडीडीए ने सर्वे भी कराया। समस्या ये भी आ रही थी कि योजना की जद में आने वाले लोगों का विस्थापन किस प्रकार होगा। अब विस्थापन नीति पर मुहर लगा दी गई है। इसके तहत योजना की जद में आने वाले परिवारों को मकान बनाकर दिए जाएंगे। देहरादून शहर में मलिन बस्तियों के नियमितीकरण के लिए कैबिनेट ने अंतिम फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। शहर में मलिन बस्तियों की संख्या डेढ़ सौ के लगभग हैं। इन बस्तियों के नियमितीकरण के लिए सरकार ने हाल में पहल की थी। अब इस पर मुख्यमंत्री अंतिम फैसला लेंगे।