भगवान भोले के ससुराल दक्ष मंदिर में भक्तजन सुबह से ही कर रहे जलाभिषेक।

हरिद्वार – सावन मास की महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की ससुराल दक्ष मंदिर और हरिद्वार के अन्य मंदिरों में सुबह से ही हजारों लोग जल अभिषेक कर रहे है। आज तड़के से ही हरिद्वार के सभी शिवालयों पर भगवान शिव का अभिषेक करने वाले की लंबी कतारें लग गई थी।

शिव भक्तों का मानना है कि आज के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं हर एक व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है।

माना जाता है शिव की भक्ति के लिए यह सबसे अच्छा दिन होता है। मान्यता है कि शिव को आज का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की कृपा अपार मिलती है। यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर यही से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते हैं।

हरिद्वार के शिव मंदिरों में भोले शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है क्योंकि करोना कॉल के 2 वर्ष बाद पहला सावन का सोमवार पड़ रहा है वहीं पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा कड़े प्रबंध किए हुए हैं।

दक्ष प्रजापति मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है कि सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है और कनखल दक्ष प्रजापति महादेव की ससुराल है और दुनिया में सबसे पहला भगवान शिव का मंदिर है भगवान शिव ने राजा दक्ष को वचन दिया था कि सावन के एक महीने वह यहीं पर वास करेंगे इसलिए भगवान शिव सावन का एक महीने दक्ष प्रजापति में ही वास करते हैं।

सावन के पहले दिन से भगवान शिव अपने ससुराल में एक महीने के लिए विराजमान हो गए थे। क्योंकि सावन के महीने में ही भगवान शिव की जटा से गंगा अवतरित हुई थी इसलिए सावन के महीने में गंगा जल दूध दही शहद भूरा गन्ने के रस और भांग धतूरे से भगवान शिव की पूजा की जाती है भक्तों की दक्ष प्रजापति मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है क्योंकि भगवान शिव सावन के महीने में यहीं विराजमान रहते हैं सावन मास की शिवरात्रि को भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई है। दक्ष प्रजापति मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की कतारें लगी रहती है।

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