विस चुनावों की तारीख का एलान हो चुका है। पर यूपी में सपा का संग्राम का अंत नही हो पाया है। खबर है कि पिता मुलायम और बेटा अखिलेश को अलग अलग चुनाव लड़ सकते है। सूत्रों के मुताबिक मुलायम अखिलेश के बीच जो आज मीटिंग हुई है उसममें दोनों के बीच सुलह नही हुई है। हालाकिं आजम खान का कहना है कि अभी सुलह होने की संभावनाए है। और वो पूरी कोशिश करेंगे। पर पिता और बेटे की इस लड़ाई ने साफ कर दिया है कि पार्टी में दो फाड़ हो गया है।
चर्चा है कि अखिलेश ने जो शर्ते पिता के सामने रखी थी उन्हें मुलायम गुट ने माननें से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि मुलायम का कहना है कि अगर वो अखिलेश की शर्ते मान लेते है तो पार्टी में उनकी भूमिका नही रहेगी।
मुलायम के सख्त तेवर देखकर कयास लगाए जा रहे है कि अगर दोनों में बात नही बनी तो सपा का टूटना तो लगभग तय है और अगर ऐसा हुआ तो मुलायम गुट और अखिलेश गुट चुनाव में अलग अलग ही उतरेंगे। उधर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की कोशिशे अभी जारी है। उनका मानना है कि दोनों में सुलह कराने की वो पूरी कोशिश करेगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक वह दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ही फैसला करेगा, जिसकी सुनवाई कोई सदस्य नहीं बल्कि पूरा कमीशन करेगा, लेकिन इसमें कुछ महीनों का वक्त लग सकता है। पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के मुताबिक, इस तरह के मामलों में फैसला सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक दिए जाते हैं। देखा जाएगा कि बहुमत किसके साथ है। फैसला नहीं होने पर चुनाव चिन्ह फ्रीज हो जाएगा. दोनों पक्षों को अस्थायी चुनाव चिह्न मिलेगा। दोनों पार्टियां भी अस्थायी चिह्न चुन सकती हैं।