उत्तराखंड के युवाओं और बेरोजकारों के लिए बड़ी खबर है, आने वाले तीन वर्षों में एक लाख नए रोजगार पैदा किए जाएंगे। बढ़ती बेरोजगारी पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार सेवा के क्षेत्र में रोजगार की बड़ी संभावनाओं को देख रही है। इसके साथ ही राज्य के तकरीबन 4.34 लाख अति निर्धन परिवारों के न्यूनतम एक सदस्य को आजीविका मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है।
सत्ता में बहुमत से आई प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने विजन 2020 के तहत एजेंडे में उक्त दोनों बिंदुओं को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शुमार किया है। यह माना जा रहा है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की चुनौती को ध्यान में रखकर विजन 2020 के ब्ल्यू प्रिंट पर जोर दिया गया है।
बेरोजगारी कम करने के चुनाव वायदे को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने 2020 तक एक लाख रोजगार बनाने का निर्णय लिया है। दरअसल, वर्ष 2013 की आपदा के कहर से उबर रहे उत्तराखंड में अब तीर्थाटन और पर्यटन की व्यापक संभावनाओं को ध्यान में रखकर सेवा क्षेत्र से उम्मीदें संजोई गई हैं।
खासतौर पर ऑल वेदर रोड और नई केदारपुरी को विकसित करने की तैयारी के मद्देनजर में चार धाम मार्गों के आस पास होटल, रेस्तरांओं, ढाबों के साथ ही परिवाहन सेवाओं का विस्तार लगभग तय माना जा रहा हैन जिससे इन क्षेत्रों में एक लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे,जिसके लिए सरकार समर्थन देगी। इसी में पांच हजार पर्यटक होम स्टे के विकास और 200 स्टार्ट अप स्थापित किए जाने हैं, जिसके लिए मुख्य सचिव ने इसकी कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं।
ग्राम्य विकास प्रमुख सचिव मनीषा पंवार के अनुसार 11 पर्वतीय जिलों के 41 ब्लॉकों में परिवारों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। खाद्य सुरक्षा, पशुपालन, स्थानीय उत्पादों और इसके लिए एक रूपरेखा तैयार कर योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।